Haryana AQI: हरियाणा इस समय भयंकर वायु प्रदूषण की चपेट में है। इस सीजन की सबसे खराब हवा आज दर्ज की गई है। कल रात 9 बजे के बाद हरियाणा की हवा अचानक जहरीली होने लगी और आज सुबह 7 बजे तक औसत AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 768 दर्ज किया गया, जो अब तक का सबसे अधिक स्तर है। विश्व के सबसे प्रदूषित 43 इलाकों में से 22 इलाके हरियाणा के हैं। हरियाणा का नौल्था AQI 1025 के साथ देश ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे प्रदूषित इलाका बन गया है। दूसरे स्थान पर हरियाणा का बेगमपुर (AQI 1015), तीसरे पर गुड़गांव (AQI 880) और चौथे पर रोहतक (AQI 758) रहा। वहीं, धारूहेड़ा 722 के साथ दुनिया का सातवां सबसे प्रदूषित इलाका बना हुआ है। फरीदाबाद, करनाल, पानीपत, सोनीपत और जींद भी गंभीर प्रदूषण की श्रेणी में शामिल हैं।
हरियाणा के अधिकांश शहरों की हवा अब सांस लेने योग्य नहीं रह गई है। विश्व सूची में हरियाणा के 22 शहर शामिल हैं, जिनमें से अधिकांश का AQI 700 से ऊपर दर्ज किया गया है। केवल कुछ शहर जैसे अंबाला (246), पंचकूला (252), सिरसा (270), फतेहाबाद (288) और यमुनानगर (293) में हवा को “कम खराब” कहा जा सकता है। हालांकि ये भी 200 से ऊपर हैं, इसलिए पूरी तरह सुरक्षित नहीं माने जा सकते। विशेषज्ञों के अनुसार, हरियाणा की हवा बीते दो दिनों से कुछ हद तक सुधरी हुई थी, लेकिन कल रात से अचानक इसमें भारी गिरावट आई। माना जा रहा है कि तापमान में आई हल्की गिरावट ने प्रदूषक तत्वों को नीचे रोक लिया, जिससे हवा जहरीली हो गई। अगर जल्द बारिश नहीं हुई, तो आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ सकती है।
वायु प्रदूषण बढ़ने के साथ ही हरियाणा में सांस और आंखों से जुड़ी बीमारियां बढ़ने लगी हैं। कई लोगों को आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में परेशानी की शिकायत हो रही है। डॉक्टरों के अनुसार, यह स्थिति खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक है। डॉ. सुशील मंगला ने लोगों को सलाह दी है कि वे घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनें और घरों में एयर-प्यूरीफायर पौधे लगाएं ताकि घर के अंदर की हवा कुछ हद तक साफ रह सके। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषित हवा का असर सिर्फ फेफड़ों पर नहीं, बल्कि दिल, आंखों और त्वचा पर भी पड़ रहा है। इसलिए फिलहाल सबसे जरूरी है कि लोग अपनी सेहत को लेकर सतर्क रहें।
मौसम में बदलाव से मिल सकती है थोड़ी राहत
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार, आने वाले दिनों में उत्तर और उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलेंगी जिनकी रफ्तार हल्की से मध्यम रहेगी। इन हवाओं से दिन का तापमान थोड़ा बढ़ सकता है, लेकिन रात का तापमान गिरने की संभावना है। इसका मतलब है कि सुबह और शाम में ठंड का एहसास बढ़ेगा, जबकि दिन में हल्की गर्माहट रहेगी। उन्होंने बताया कि अगर एक या दो अच्छी बारिश हो जाए, तो प्रदूषण का स्तर काफी घट सकता है, लेकिन फिलहाल बारिश की कोई संभावना नहीं दिख रही। ऐसे में सरकार और नागरिकों दोनों को मिलकर वायु प्रदूषण से निपटने के कदम उठाने होंगे।

















