हरियाणा की राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। राज्य के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रोफेसर Sampat Singh ने आज अपने बेटे गौरव संपत के साथ इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) का दामन थाम लिया। इनेलो में शामिल होने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला ने संपत सिंह को इनेलो का राष्ट्रीय संरक्षक नियुक्त करने की घोषणा की। वहीं, उनके बेटे गौरव संपत को भी पार्टी के युवा विंग में अहम जिम्मेदारी दी जाएगी। संपत सिंह ने दो दिन पहले ही कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया था और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए थे।
इनेलो में शामिल होने के बाद Sampat Singh ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “हरियाणा में वोट चोरी का खेल कांग्रेस ने शुरू किया था” और इस खेल के लिए सीधे तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि 2022 के राज्यसभा चुनाव इसका बड़ा उदाहरण हैं जब अजय माकन को वोट चोरी के कारण हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि “राहुल गांधी आज वोट चोरी की बात करते हैं, लेकिन कांग्रेस ने तो स्याही और पेन तक बदल दिए थे।” संपत सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस में न केवल वोट बल्कि टिकट भी चोरी होते हैं। 2019 के बाद 2020 में हुड्डा ने अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा को राज्यसभा भेज दिया, जबकि पार्टी के कर्मठ नेताओं को दरकिनार कर दिया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब एक परिवार की बंधक बन चुकी है और पार्टी में समर्पित नेताओं का अपमान होता है।
भाजपा पर भी साधा निशाना, निजीकरण पर उठाए सवाल
Sampat Singh ने सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, बल्कि भाजपा पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने हर क्षेत्र में निजीकरण को बढ़ावा दिया है, जिससे शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सेवाएं चरमरा गई हैं। विश्वविद्यालयों को अनुदान नहीं मिल रहा, सरकारी अस्पतालों की हालत खराब है और गरीबों को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष भी भाजपा के कब्जे में आ गया है और किसानों के मुद्दों से पूरी तरह दूर हो चुका है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि “37 विधायकों वाली पार्टी भी मौन साधे बैठी है।” संपत सिंह ने कहा कि अब उन्हें इनेलो ने एक नया प्लेटफार्म दिया है और वे हर वर्ग की आवाज बुलंद करेंगे।
“इनेलो में वापसी पश्चाताप के साथ की, अब संगठन मजबूत करेंगे”
इनेलो में 16 साल बाद वापसी पर भावुक होते हुए संपत सिंह ने कहा, “मैंने पार्टी छोड़ते वक्त गलती की थी, उस समय मेरी आंखों में आंसू थे, और आज जब वापस आया हूं, तब भी ये आंसू पश्चाताप के हैं।” उन्होंने कहा कि “कांग्रेस ने मुझे घर बैठा दिया, जबकि इनेलो ने मुझे फिर से सम्मान दिया और उठाया।” उन्होंने बताया कि जब ओम प्रकाश चौटाला के निधन के बाद उन्हें हिसार संभालने के लिए कहा गया था, तभी उन्होंने तय कर लिया था कि कांग्रेस को छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि देवी लाल जी ने उन्हें राजनीति में लाया और ओम प्रकाश चौटाला ने हमेशा सम्मान दिया। अब उनका लक्ष्य इनेलो को फिर से मजबूती देना और पुराने साथियों को वापस पार्टी में लाना है। संपत सिंह ने बताया कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह ने भी उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया क्योंकि पार्टी में अब “सम्मान और सिद्धांत दोनों खत्म हो चुके हैं।”

















