अंबाला: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन से फ्रांस निर्मित राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरकर इतिहास रच दिया। वह फ्लाइट सूट पहनकर राफेल में बैठीं और टेकऑफ से पहले मौजूद अधिकारियों और जवानों को हाथ हिलाकर अभिवादन किया।Haryana
उड़ान के दौरान उन्होंने भारतीय वायुसेना के अधिकारियों से राफेल की तकनीकी विशेषताओं, संचालन प्रक्रिया और सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी ली। राष्ट्रपति मुर्मू ने करीब 30 मिनट तक आसमान में उड़ान भरी और लगभग 200 किलोमीटर की दूरी तय की। इस दौरान राफेल ने समुद्र तल से करीब 15,000 फीट की ऊंचाई और 700 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार हासिल की।Haryana

गौरतलब है कि अंबाला वायुसेना स्टेशन देश का पहला एयरबेस है जहां फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन कंपनी से राफेल विमान पहुंचे थे। भारत ने कुल 36 राफेल विमान फ्रांस से खरीदे थे, जिनकी पहली खेप 27 जुलाई 2020 को पांच विमानों के रूप में भारत पहुंची थी। राष्ट्रपति की यह उड़ान भारतीय वायुसेना की शक्ति और देश की आत्मनिर्भर रक्षा क्षमता का प्रतीक मानी जा रही है।
बता दे कि उड़ान को 17 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन अमित गेहानी ने संचालित किया। उड़ान के बाद राष्ट्रपति ने इस अनुभव को “अविस्मरणीय” बताया। उन्होंने आगंतुक पुस्तिका में लिखा कि राफेल पर उड़ान ने उनमें देश की रक्षा क्षमताओं के प्रति नया गर्व और विश्वास जगाया है। राष्ट्रपति ने भारतीय वायुसेना और अंबाला एयरबेस की पूरी टीम को इस सफल आयोजन के लिए बधाई दी।
द्रौपदी मुर्मू भारत की पहली राष्ट्रपति बन गई हैं जिन्होंने दो अलग-अलग लड़ाकू विमानों में उड़ान भरी है। इससे पहले वर्ष 2023 में उन्होंने तेजपुर एयरबेस से सुखोई-30 एमकेआई में उड़ान भरी थी।

















