रेवाड़ी : सुनील चौहान। आगामी सत्र में कालेज के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) एच्छिक विषय के रूप में पढ़ने का अवसर मिलेगा। इसकी तैयारियां आरंभ हो चुकी हैं। इस संबंध में इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय (आइजीयू) के कुलसचिव प्रो. प्रमोद कुमार की आठवीं हरियाणा बटालियन एनसीसी के कमांडिग अफसर कर्नल संजय रंजन तथा प्रशासनिक अधिकारी कर्नल सुरेंद्र सिंह यादव के साथ विशेष बैठक आयोजित हुई। इसमें आइजीयू से संबद्ध कालेजों की पाठ्यक्रमों में एनसीसी को शामिल करने को लेकर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में एनसीसी से जुड़े बिदुओं पर विचार-विमर्श किया गया। कुलसचिव ने बताया कि जल्दी इस संबंध में एक समिति का गठन किया जाएगा, जो विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों में एनसीसी को शामिल करने के लिए प्रारूप तैयार करेगा। उन्होंने बताया कि एनसीसी लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए यह योजना काफी लाभदायक सिद्ध होगी। इसमें भविष्य में विद्यार्थियों के लिए रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। इस अवसर पर उनके साथ सूबेदार पवन कुमार व हवलदार सतबीर सिंह भी उपस्थित थे। किसी भी संकाय के विद्यार्थी ले सकेंगे एनसीसी नई शिक्षा नीति-2020 के तहत नए सत्र में कला, वाणिज्य व विज्ञान संकाय के विद्यार्थी एनसीसी को एच्छिक विषय के रूप में ले सकेंगे। एनसीसी को बढ़ावा देने के लिए अब स्नातक में दाखिला लेने वाला विद्यार्थी अन्य विषयों की तरह एनसीसी को एच्छिक विषय के रूप में चयन कर सकेंगे। इसमें प्रायोगिक और थ्योरी दोनों की पढ़ाई होने के साथ सौ अंकों की परीक्षा होगी।
आइजीयू प्रबंधन के साथ पहले भी हुई थी बैठक इससे पहले 14 जून को भी एनसीसी आठवीं बटालियन के अधिकारियों के साथ आइजीयू के छात्र कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। इसमें एनसीसी को सामान्य एच्छिक विषय के रूप में अध्यापन से संबंधित बिदुओं पर विचार-विमर्श किया गया। एच्छिक विषय चयन और सर्टिफिकेट का नहीं संबंध अभी तक जो विद्यार्थी एनसीसी इकाई से जुड़ते हैं, उन्हें परेड में हिस्सा लेने, परीक्षा में प्राप्त अंक और अन्य उपलब्धियों के आधार पर ए, बी और सी सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है। इस सर्टिफिकेट के आधार पर भविष्य में रोजगार या किसी क्षेत्र में आवश्यकता अनुसार छूट मिलती है। अब एच्छिक विषय चयन करने वाले विद्यार्थी को अन्य विषयों की तरह अंक मिलेंगे। इससे सर्टिफिकेट या किसी क्षेत्र में छूट का लाभ नहीं मिलेगा। कोई विद्यार्थी सिर्फ ऐच्छिक विषय पढ़ना चाहता है या फिर सर्टिफिकेट के लिए चयनित होता है तो भी इनका आपस में संबंध नहीं रहेगा।