Haryana News: हरियाणा सरकार ने आयुष्मान भारत और चिरायु हरियाणा योजना से जुड़े लोगों के लिए बड़ा बदलाव किया है। अब इन योजनाओं के कार्डधारक घुटना ट्रांसप्लांट, हर्निया जैसी सर्जरी निजी अस्पतालों में नहीं करवा सकेंगे। सरकार ने सोमवार को आदेश जारी करते हुए 11 बीमारियों का इलाज केवल सरकारी अस्पतालों तक सीमित कर दिया है।
किन बीमारियों पर लागू होगा नियम
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल के आदेश के मुताबिक जिन बीमारियों का इलाज सिर्फ सरकारी अस्पतालों में होगा, उनमें घुटना ट्रांसप्लांट, कूल्हा ट्रांसप्लांट, कान के पर्दे का इलाज, हर्निया ऑपरेशन, अपेंडिक्स सर्जरी, एडेनोइड्स का इलाज, बवासीर, टॉन्सिल, अंडकोष में पानी भरना और खतना शामिल हैं। अब इन बीमारियों का इलाज आयुष्मान या चिरायु कार्ड के तहत निजी अस्पताल में नहीं करवाया जा सकेगा।
मरीजों के लिए मुश्किलें बढ़ीं
इस फैसले से हजारों मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। पहले से ही 119 बीमारियों का इलाज सरकारी अस्पतालों में ही होता था, अब 11 और बीमारियों को जोड़ने के बाद यह संख्या 130 तक पहुंच गई है। ऐसे में मरीजों को इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों के चक्कर काटने पड़ेंगे।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक सरकार हर साल निजी अस्पतालों को 1500 से 1700 करोड़ रुपये तक का भुगतान करती है। अब इस खर्च को घटाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। निजी अस्पतालों के साथ भुगतान को लेकर विवाद भी होता था। वहीं मरीज निजी अस्पतालों की बेहतर सुविधाओं के कारण उन्हें प्राथमिकता देते थे।
चार महीने पहले भी सरकार ने पांच बीमारियों को आयुष्मान योजना से बाहर कर दिया था। इनमें बच्चेदानी का ऑपरेशन, पित्त की थैली, मोतियाबिंद, सांस की बीमारी और एक्यूट उल्टी-दस्त शामिल थे। फिलहाल राज्य में 675 अस्पताल इस योजना से जुड़े हैं जहां मरीजों को पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है।

















