Chhath Puja 2025: चार दिवसीय छठ महापर्व का आज तीसरा दिन है, जिसे संध्या अर्घ्य के रूप में मनाया जाता है। आज देशभर में व्रतधारिणियां सूर्य देव को डूबते हुए सूर्य का अर्घ्य देंगी और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करेंगी। सुबह से ही घाटों और तालाबों की सफाई का कार्य पूरा कर लिया गया है। महिलाओं ने दिनभर निर्जला उपवास रखा है और शाम के समय सूर्यास्त के दौरान पूजा-अर्चना के बाद अर्घ्य अर्पित करेंगी।Chhath Puja 2025
छठ पर्व सूर्य उपासना का सबसे प्राचीन लोकपर्व माना जाता है। इस दिन महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा पहनकर टोकरी में ठेकुआ, केला, नारियल, सिंघाड़ा, और मौसमी फलों के साथ पूजा करती हैं। अर्घ्य के समय घाटों पर व्रतधारियों के साथ परिवार और श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। इस अवसर पर जगह-जगह भजन-कीर्तन और लोकगीतों की गूंज माहौल को धार्मिक रंग देती है।Chhath Puja 2025
पैदल गंगा घाट पहुंचेगी महिलाए: आज महिलाएं छठी माई की गीत गाते हुए घाट पर पहुचेंगी। सबसे पहले व्रतियों ने आम की दातून से मुंह धोआ। उसके बाद स्नान करने का सिलसिला शुरू हुआ। हर-हर गंगे, हर-हर महादेव एवं जय छठी मईया की जय-जयकार के साथ नदी की धारा में व्रतियों ने डुबकी लगाई जाएगी। जय छठी माईया की जय-जयकार से शाम को पूरा नदी तट गूंज उठा। पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
सूर्य भगवान को जल अर्पित कर बनाया खरना: स्नान के बाद व्रतियों ने भगवान भास्कर को जल अर्पित किया। उसके बाद कई व्रतियों ने नदी के घाट पर ही खरना का प्रसाद बनाकर ग्रहण किया। वहीं काफी संख्या में व्रतियों ने स्नान के बाद अपने घरों में गंगा का पानी लेते गए, जिससे खरना का प्रसाद बनाया गया।
आज यानी गुरुवार को छठ महापर्व को पहला अर्घ्य प्रदान किया जाएगा। इसके लिए घरों में तैयारी पूरी कर ली गई है। आज दिनभर उपवास के बाद शाम को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्ध्य प्रदान किया जाएगा।
छठ महापर्व के आखिरी दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य प्रदान किया जाएगा। उसके बाद चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व का समापन होगा। कल सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पर्व का समापन होगा। इसके बाद व्रतधारिणियां प्रसाद ग्रहण कर पारण करेंगी।Chhath Puja 2025

















