हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) ने महिला एवं बाल विकास विभाग में पोषण विशेषज्ञ (Nutritionist) के पद के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा का पाठ्यक्रम संशोधित कर दिया है। आयोग द्वारा जारी नवीनतम अधिसूचना के अनुसार, अब यह परीक्षा पांच विषयों पर आधारित होगी।HPSC
यह बदलाव विभाग की उस पहल का हिस्सा है, जिसके तहत राज्य की आंगनवाड़ी केंद्रों में कार्यरत पोषण विशेषज्ञों को बच्चों और महिलाओं के लिए संतुलित आहार योजना तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाना है।
बच्चों और महिलाओं के लिए तैयार होगा संतुलित आहार
सरकार की योजना के अनुसार, अब आंगनवाड़ियों में पौष्टिक और संतुलित आहार स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सामग्रियों से तैयार किया जाएगा, ताकि भोजन किफायती होने के साथ-साथ पोषण से भरपूर भी हो। पोषण विशेषज्ञों की भूमिका इस दिशा में अहम रहेगी, क्योंकि वे न केवल आहार योजनाएं तैयार करेंगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेंगी कि भोजन में नमक, चीनी और तेल का अत्यधिक सेवन न हो। इस पहल से उम्मीद है कि राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कुपोषण की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।
केवल महिलाओं के लिए आरक्षित है यह पद
महिला एवं बाल विकास विभाग में पोषण विशेषज्ञ के पद के लिए आवेदन 6 जुलाई पिछले वर्ष आमंत्रित किए गए थे। आवेदन की अंतिम तिथि 30 जुलाई निर्धारित की गई थी। यह पद केवल महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है। पात्रता के तौर पर उम्मीदवार के पास होम साइंस (Home Science) में एम.एससी. (M.Sc.) की डिग्री होना अनिवार्य है। यह कदम महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के साथ-साथ महिलाओं को समाज में स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर प्रदान करेगा।
HPSC ने जारी किया नया परीक्षा पाठ्यक्रम
हरियाणा लोक सेवा आयोग ने अब पोषण विशेषज्ञ पद के लिए ज्ञान एवं स्क्रीनिंग परीक्षा (Knowledge and Screening Test) का नया पाठ्यक्रम जारी कर दिया है। संशोधित सिलेबस के अनुसार परीक्षा में अब होम साइंस का अर्थ, परिभाषा, उद्देश्य, क्षेत्र और इतिहास, विषय से संबंधित ज्ञान, उपभोक्ता की परिभाषा, अर्थ और आवश्यकता, खाद्य पदार्थों के पोषण मूल्य को बढ़ाने के विभिन्न तरीके जैसे फोर्टिफिकेशन (Fortification), और शिक्षार्थियों के लिए शैक्षणिक रणनीतियाँ (Instructional Strategies) जैसे विषय शामिल किए गए हैं। नए सिलेबस के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उम्मीदवारों में न केवल सैद्धांतिक ज्ञान हो, बल्कि वे व्यवहारिक रूप से भी समाज की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को समझ सकें।

















