Haryana: हरियाणा सरकार ने शहरों में गरीब परिवारों को आवास उपलब्ध कराने के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए आवंटन नीति में सुधार किया है। अब हर लाइसेंस प्राप्त कॉलोनी में 20 प्रतिशत प्लॉट और 15 प्रतिशत फ्लैट गरीब परिवारों के लिए आरक्षित होंगे। यह नई नीति पिछली सभी प्रावधानों को रद्द करती है और एक पारदर्शी और आधुनिक प्रणाली लागू करती है, जिसका उद्देश्य हर आर्थिक रूप से कमजोर परिवार को गरिमापूर्ण आवास प्रदान करना है। यह नीति शहरी और नियोजन विभाग द्वारा विकसित की गई है और इसे “हाउसिंग फॉर ऑल” विभाग के माध्यम से लागू किया जाएगा।
आवंटन प्रक्रिया और कीमतें
नई नीति के अनुसार, कॉलोनी में आरक्षित EWS प्लॉट का आकार 50 से 125 वर्ग मीटर और फ्लैट का आकार 200 से 400 वर्ग फीट निर्धारित किया गया है। EWS प्लॉट की कीमत 600 रुपये प्रति वर्ग मीटर और फ्लैट की कीमत 1.5 लाख रुपये या 750 रुपये प्रति वर्ग फीट तय की गई है। आवंटन प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी होगी, जिसमें आवेदकों की स्क्रीनिंग और लॉटरी के माध्यम से चयन किया जाएगा। आवेदकों को रजिस्ट्रेशन शुल्क 10,000 रुपये जमा करना होगा, जो चयनित होने पर अंतिम भुगतान में समायोजित किया जाएगा। यदि किसी कारण से लॉटरी प्रक्रिया छह महीने से अधिक देरी होती है, तो आवेदकों को SBI बचत खाता दर के अनुसार ब्याज के साथ मुआवजा दिया जाएगा।
नियम और शर्तें
EWS आवास की बिक्री या हस्तांतरण पांच वर्षों के लिए सख्त रूप से निषिद्ध है। किसी भी उल्लंघन की स्थिति में 100 प्रतिशत जुर्माना लगेगा और आवंटन रद्द भी किया जा सकता है। नीति में आधार और परिवार पहचान पत्र (PPP) के आधार पर एकीकृत डेटाबेस बनाया गया है, ताकि कोई व्यक्ति या परिवार एक से अधिक आवंटन प्राप्त न कर सके। यह डेटा राज्य स्तर पर शहरी स्थानीय निकाय विभाग के साथ साझा किया जाएगा। इसके अलावा, नीति के तहत “हाउसिंग फॉर ऑल” विभाग किराये पर घर भी उपलब्ध कराएगा, जिससे कार्यशील वर्ग, प्रवासी मजदूर और कम आय वाले परिवार सस्ते और किफायती आवास का लाभ उठा सकेंगे।
लाभ और पारदर्शिता
यदि EWS आवेदक दो प्रयासों के बाद भी घर नहीं खरीदते हैं, तो फ्लैट या प्लॉट जनरल कैटेगरी के लोगों को खुली ई-नीलामी के माध्यम से बेचा जाएगा, जिससे संसाधनों का पूर्ण उपयोग होगा और हाउसिंग सेक्टर में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। नीति की घोषणा करते हुए ए.के. सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने कहा, “नई नीति का उद्देश्य केवल आवास प्रदान करना नहीं है, बल्कि सामाजिक समानता सुनिश्चित करना है। हम चाहते हैं कि हर नागरिक को आय के बावजूद आवास का अधिकार मिले।” इस नीति से हरियाणा में गरीब परिवारों के लिए आवास की सुविधा में एक नया युग शुरू होने की संभावना है।
















