मौसमदिल्लीबिहार विधानसभा चुनाव 2025CET 2025राजस्थानमनोरंजनराशिफलबिजनेसऑटो मोबाइलरेवाड़ीआध्यात्मिकअन्य

Haryana: प्रदूषण में अचानक बढ़ोतरी! स्टबल बर्निंग घटा लेकिन हवा हुई और जहरीली, CPCB रिपोर्ट ने दिखाई गंभीर सच्चाई

On: October 24, 2025 11:49 AM
Follow Us:

Haryana: राज्य में त्योहारों के मौसम से पहले बढ़ना शुरू हुआ वायु प्रदूषण अब गंभीर रूप ले चुका है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की 19 से 22 अक्टूबर, 2025 की रिपोर्टों से स्पष्ट होता है कि राज्य की हवा लगातार विषाक्त होती जा रही है। इस वर्ष फसल अवशेष जलाने (स्टबल बर्निंग) के मामले कम हुए, लेकिन उम्मीदों के विपरीत प्रदूषण बढ़ गया। स्थिति इतनी गंभीर है कि राज्य के नौ जिले लाल ज़ोन में आ चुके हैं, जिनमें अंबाला, फतेहाबाद, यमुनानगर, भिवानी, चरखी दादरी, धरुहेड़ा, जींद, नरवाल और रोहतक शामिल हैं।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्षों की तुलना में स्टबल बर्निंग के मामले 97 प्रतिशत तक कम हुए हैं। बावजूद इसके, राज्य का औसत AQI 180 से बढ़कर 320 तक पहुंच गया, यानी चार दिनों में लगभग 78 प्रतिशत की वृद्धि हुई। जिन जिलों में स्टबल बर्निंग नहीं हुई, वहां औद्योगिक धुआं, वाहन उत्सर्जन और कम हवा की गति ने हालात और बिगाड़ दिए हैं।

यह भी पढ़ें  Haryana News: हरियाणा में इन कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, सरकार ने 31 मार्च 2026 तक के लिए बढ़ाया कॉन्ट्रैक्ट

 

 

विशेषज्ञों का कहना है कि हवा में PM 2.5 का स्तर सामान्य से कई गुना अधिक हो गया है। दिवाली के बाद प्रदूषण नियंत्रण की कोशिशें नाकाफी साबित हो रही हैं और राज्य के कई जिलों में तीसरे चरण के GRAP प्रतिबंधों को लागू करना पड़ सकता है।

बीहड़ और यमुनानगर में स्थिति सबसे खराब

राज्य के पांच सबसे प्रदूषित जिले हैं: अंबाला, फतेहाबाद, यमुनानगर, भिवानी और पानीपत। इन जिलों में 19 से 22 अक्टूबर के बीच हवा की गुणवत्ता लगातार बिगड़ती रही। अंबाला का AQI 147 से बढ़कर 312 हुआ, फतेहाबाद 147 से 305 तक, यमुनानगर 102 से 320 तक, भिवानी 33 से 331 तक और पानीपत 118 से 259 तक पहुंच गया। भिवानी में चार दिनों में प्रदूषण का स्तर 10 गुना बढ़ गया, जबकि यमुनानगर में 203 प्रतिशत और पानीपत में 119 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई।

यह भी पढ़ें  Haryana CET 2025: हरियाणा में मुफ्त बस के लिए 8 लाख अभ्यर्थियों ने नहीं कराया रजिस्ट्रेशन, 47 हजार फार्म हुए रिजेक्ट

हालांकि कुछ राहत भी मिली है। जिंद, बहादुरगढ़, गुरुग्राम, फरीदाबाद और नरवैल में प्रदूषण में 20 से 27 प्रतिशत तक कमी आई। जिंद में AQI 421 से घटकर 319 तक आया, बहादुरगढ़ में 99 अंक की गिरावट हुई और गुरुग्राम में लगभग 24 प्रतिशत सुधार हुआ। विशेषज्ञों का कहना है कि यह सुधार बढ़ी हुई हवा की गति और स्थानीय औद्योगिक गतिविधियों में कमी के कारण हुआ। बावजूद इसके, इन जिलों में हवा की गुणवत्ता अभी भी बहुत खराब श्रेणी में बनी हुई है।

विभिन्न क्षेत्रों में प्रदूषण का फैलाव

केंद्रीय हरियाणा (जिंद, रोहतक, करनाल, सोनीपत, कैथल) में AQI 69 प्रतिशत बढ़ा। जिंद का AQI 421 तक पहुंचा, जो देश में सबसे खराब माना गया। रोहतक और सोनीपत में लगातार AQI 300 से ऊपर दर्ज किया गया। पश्चिमी हरियाणा (हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, भिवानी, चरखी दादरी) में AQI 166 प्रतिशत बढ़ा। भिवानी और फतेहाबाद में प्रदूषण बहुत खराब श्रेणी में था। इस क्षेत्र में प्रदूषण मुख्य रूप से फसल अवशेष जलाने, औद्योगिक उत्सर्जन और खनन गतिविधियों के कारण बढ़ा।

यह भी पढ़ें  Delhi News: 17 महीने बाद मनीष सिसोदिया को तिहाड़ जेल से रिहाई, जानिए जानिए किन शर्तों पर जमानत?

उत्तर हरियाणा (अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, पंचकुला) में AQI 116 प्रतिशत बढ़ा। अंबाला और यमुनानगर में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब हो गई। अंबाला में चार दिनों में प्रदूषण लगभग दोगुना हुआ। फतेहाबाद और यमुनानगर में स्टबल बर्निंग और औद्योगिक धुएं के कारण स्थिति खराब रही। भिवानी में दस गुना वृद्धि दर्ज हुई, जिससे यह जिला सबसे तेज़ी से बिगड़ते प्रदूषण वाला बन गया। पानीपत में लगातार चार दिनों तक AQI बढ़ता रहा। धरुहेड़ा और नरवाल में थोड़ी राहत मिली, लेकिन हवा की गुणवत्ता अभी भी बहुत खराब श्रेणी में है।

P Chauhan

हमारा मकसद देश की ताजा खबरों को जनता तक पहुंचाना है। मै पिछले 5 साल में पत्रकारिता में कार्यरत हूं। मेरे द्वारा राजनीति, क्राइम व मंनोरजन की खबरे अपडेट की जाती है।

Join WhatsApp

Join Now

google-newsGoogle News

Follow Now