भारतीय संस्कृति में छठ पूजा का विशेष महत्व है। इस बार दिल्ली सरकार ने इसे लेकर 1000 स्थानों को प्राथमिकता दी है। मंत्री कपिल मिश्रा ने बताया कि यमुना घाटों समेत द्वारका, सोनीया विहार, पीतमपुरा में छठ पूजा का आयोजन किया जाएगा। श्रद्धालुओं के लिए सफाई, सुरक्षा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की विशेष व्यवस्था की गई है। यह अब तक का सबसे बड़ा प्रबंध माना जा रहा है, जिससे श्रद्धालुओं में उत्साह और खुशी का माहौल है।
सिंगल-विंडो क्लियरेंस सिस्टम
इस बार पूजा आयोजन में सिंगल-विंडो क्लियरेंस सिस्टम लागू किया गया है। नगर निगम जोन में नोडल अधिकारी को नियुक्त किया गया है जो सारी व्यवस्थाओं का ध्यान रखेंगे। प्रमुख स्थानों जैसे द्वारका, हाठी घाट, पीतमपुरा और सोनीया विहार को ‘मॉडल छठ पूजा’ स्थल के रूप में विकसित किया गया है। इन स्थानों पर सजावटी द्वार और आकर्षक मूर्तियों के साथ भक्ति का प्रदर्शन किया जाएगा। छठ पूजा न केवल भारतीय संस्कृति का प्रतीक है, बल्कि श्रद्धा और पारंपरिकता को भी दर्शाती है।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधा
चार दिनों तक चलने वाले इस त्योहार की शुरुआत “नहाय-खाय” से होती है और यह पूर्णतः सूर्यदेव भगवान को समर्पित है। दिल्ली नगर निगम ने श्रद्धालुओं के लिए जल वितरण, नाश्ता और पेयजल की विशेष व्यवस्था की है। आयोजन धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक रूप से भी महत्वपूर्ण है।
इस तैयारी के साथ दिल्ली में छठ पूजा सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से मनाई जाएगी। श्रद्धालु भगवान सूर्य को अर्घ्य देंगे और पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार चार दिनों तक व्रत और पूजा-अर्चना में भाग लेंगे। यह आयोजन भारतीय संस्कृति और श्रद्धा की भावना को मजबूती से प्रदर्शित करता है।















