Haryana News: हरियाणा सरकार ने राज्य में व्यापार को सरल और सुगम बनाने के लिए कई नियमों में बदलाव किए हैं। अब नई दुकानों को लाइसेंस केवल एक दिन में मिलेगा। 20 से कम कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होगी। भूमि उपयोग परिवर्तन के नियम सरल किए गए हैं और प्रदूषण नियंत्रण में भी छूट दी गई है।
हरियाणा में नियामक बोझ कम करने और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को प्रोत्साहित करने के लिए शहरों में भूमि उपयोग परिवर्तन (CLU) के लिए केवल तीन दस्तावेज आवश्यक होंगे। इसमें स्वामित्व प्रमाण, परियोजना रिपोर्ट और क्षतिपूर्ति बांड शामिल हैं। औद्योगिक क्षेत्रों में तत्काल अनुमति मिलेगी। भवन निर्माण नियमों को लचीला बनाया गया है, और सुरक्षा मानदंड पूरा करने पर पूरे जोन एरिया में ग्राउंड कवरेज की अनुमति दी जाएगी।
आक्यूपेशन और कंप्लीशन सर्टिफिकेट के लिए आवश्यक दस्तावेजों की संख्या घटाकर तीन कर दी गई है। स्व-प्रमाणन का दायरा बढ़ाकर उच्च जोखिम वाले भवनों पर भी लागू किया गया है, जिसे 31 अक्टूबर तक पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा।
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी के अनुसार, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सहमति प्रक्रिया की समय-सीमा 30 दिन से घटाकर 21 दिन कर दी है। कम जोखिम वाले उद्योगों के लिए स्वतः नवीनीकरण और स्व-प्रमाणन प्रणाली लागू की गई है। अब तक 712 गैर-प्रदूषणकारी उद्योग क्षेत्रों को श्वेत श्रेणी में पुनःवर्गीकृत किया गया है। अग्नि सुरक्षा एनओसी की वैधता कम जोखिम वाले प्रतिष्ठानों के लिए पांच वर्ष और उच्च जोखिम वाले प्रतिष्ठानों के लिए तीन वर्ष कर दी गई है।
थर्ड पार्टी निरीक्षण व्यवस्था 15 नवंबर तक लागू कर दी जाएगी। इनवेस्ट हरियाणा पोर्टल के माध्यम से भूजल अनुमति, बिजली और पानी कनेक्शन की स्वीकृतियों की समय सीमा 90 दिन से घटाकर 45 दिन कर दी गई है। जन विश्वास अध्यादेश लागू कर 17 विभागों के 42 अधिनियमों की 164 धाराओं को अपराध-मुक्त किया गया है।

















