Haryana News: हरियाणा सरकार ने अब अपने अधिकारियों के लिए विदेश यात्रा के नए नियम जारी कर दिए हैं। अब किसी भी अधिकारी को वित्त वर्ष में केवल दो ही विदेश यात्राओं की अनुमति होगी। इनमें से एक यात्रा सरकारी खर्च पर और दूसरी निजी खर्च पर होगी। दोनों यात्राओं की कुल अवधि तीन हफ्ते से ज्यादा नहीं होगी।
नए निर्देश सभी ग्रुप A, B, C और D कर्मचारियों के साथ हरियाणा से जुड़े अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों पर भी लागू होंगे। मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायक भी अब विदेश यात्रा के लिए वित्त विभाग से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा। विदेश यात्रा के प्रस्ताव प्रशासनिक विभाग की सिफारिश और मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद ही वित्त विभाग को भेजे जाएंगे।
निजी खर्च पर होने वाली यात्रा के लिए हर वित्त वर्ष में केवल एक यात्रा की अनुमति मिलेगी। इसके लिए स्पष्ट रूप से यात्रा का देश और उद्देश्य बताना होगा। किसी अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ यदि कोई आपराधिक मामला लंबित है या आरोप पत्र जारी है, तो उसे अनुमति नहीं मिलेगी। यदि निजी यात्रा का खर्च किसी प्राइवेट संस्था द्वारा उठाया जा रहा है, तो भी अनुमति नहीं मिलेगी।
किसी भी स्थिति में बिना पूर्व अनुमति विदेश यात्रा करना वर्जित है। बिना अनुमति विदेश जाने वाले अधिकारियों या कर्मचारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। विदेश में रहते समय किसी अन्य कार्य में संलग्न होना या निर्धारित अवधि से अधिक रुकना भी मना है।
अधिकारी और कर्मचारी को विदेश जाने से पहले अपना कार्यभार वैकल्पिक अधिकारी या कर्मचारी को सौंपना अनिवार्य होगा। उल्लंघन होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वित्त विभाग ने स्पष्ट किया है कि इन दिशा-निर्देशों में संशोधन करने का अधिकार केवल वित्त विभाग के पास रहेगा।

















