रेवाड़ी: हरियाण के रेवाड़ी में सोमवार को पूर्व विधायक एवं एआईसीसी सचिव चिरंजीव राव के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं, सामाजिक संगठनों और दलित समाज के लोगों ने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन आईपीएस अधिकारी वाय. पूरण कुमार की संदिग्ध आत्महत्या और मुख्य न्यायाधीश पर अदालत के भीतर जूता फेंकने की घटना के विरोध में आयोजित किया गया।Breaking News
प्रदर्शनकारियों ने राजीव चौक से जिला मिनी सचिवालय तक जोरदार मार्च निकाला और रास्ते भर “वाय. पूरण कुमार को इंसाफ दो” तथा “दलितों पर अत्याचार बंद करो” जैसे नारे लगाते हुए आगे बढ़े। बाद में प्रदर्शनकारियों ने डीसी रेवाड़ी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।

इस प्रदर्शन में जिला कांग्रेस कमेटी रेवाड़ी (शहरी) अध्यक्ष प्रवीण चौधरी, ग्रामीण अध्यक्ष सुभाष छावनी, महिला कांग्रेस की जिला अध्यक्ष सीमा धमीजा, एससी सैल के जिला अध्यक्ष रमेश ठेकेदार, भरत सिंह बावल, चरण सिंह (पूर्व सरपंच), ईश्वर महलावत के अलावा बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता, सामाजिक संगठन और दलित समाज के प्रतिनिधि शामिल हुए।
सामाजिक संगठनों में माता रमाबाई सामाजिक उत्थान संस्था, गुरु रविदास मंदिर हॉस्टल, आवाज फाउंडेशन, सेवा स्तंभ रेवाड़ी, जाटव विकास समिति, मिशन इक्वलिटी, वाल्मीकि समाज और प्रजापति समाज के प्रतिनिधि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
एआईसीसी सचिव एवं पूर्व विधायक चिरंजीव राव (ex MLA rewari) ने कहा कि हरियाणा में हाल ही में घटित घटनाएँ पूरे प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गहरी चिंता का विषय हैं।
एक ओर राज्य के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाय. पूरण कुमार की आत्महत्या ने पूरे सिस्टम को झकझोर दिया है, वहीं दूसरी ओर भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गावई (B.R. Gavai) पर अदालत के भीतर जूता फेंकने की घटना ने लोकतंत्र और न्यायपालिका की गंभीर स्थिति को उजागर किया है।Breaking News

उन्होंने कहा कि यदि देश का सर्वोच्च न्यायाधीश भी अदालत के भीतर सुरक्षित नहीं है और एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सरकारी दबाव, उत्पीड़न और जातिगत भेदभाव के कारण आत्महत्या करने को विवश हो जाता है, तो यह लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक संकेत है।
चिरंजीव राव ने कहा कि वाय. पूरण कुमार दलित समाज से आते थे और उनके सुसाइड नोट में मानसिक उत्पीड़न एवं जातिगत भेदभाव का स्पष्ट उल्लेख है, जो प्रदेश सरकार की दलित-विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।Breaking News
उन्होंने कहा कि सरकार मृतक अधिकारी के परिवार की बात को लगातार नजरअंदाज कर रही है। परिवार पोस्टमार्टम नहीं करवाना चाहता था, फिर भी उनकी इच्छा के विरुद्ध जबरन पोस्टमार्टम कराया गया। एफआईआर में परिवार द्वारा मांगी गई आवश्यक धाराएँ अब तक शामिल नहीं की गई हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि सरकार इस पूरे मामले को दबाने का प्रयास कर रही है।
चिरंजीव राव ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की कि वाय. पूरण कुमार आत्महत्या मामले की उच्च न्यायालय की निगरानी में निष्पक्ष जांच कराई जाए, मृतक परिवार की सभी मांगों का सम्मान किया जाए और दलित समाज के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों पर तुरंत रोक लगाने के ठोस कदम उठाए जाएँ।
उन्होंने कहा कि न्यायपालिका की सुरक्षा और स्वतंत्रता सुनिश्चित करना सरकार का सर्वोच्च दायित्व है, क्योंकि जब न्याय का मंदिर ही असुरक्षित हो जाएगा, तो लोकतंत्र का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।
इस विरोध प्रदर्शन में जिला कांग्रेस कमेटी रेवाड़ी (शहरी) अध्यक्ष प्रवीण चौधरी और ग्रामीण अध्यक्ष सुभाष छावनी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पीड़ित परिवार के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है और यह लड़ाई सड़क से लेकर सदन तक जारी रहेगी।
इस मौके पर विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी सरकार की निष्क्रियता की निंदा की और कहा कि दलित समाज अब अन्याय और भेदभाव को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा।
अंत में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपते हुए संकल्प लिया कि वाय. पूरण कुमार को न्याय दिलाने और दलित समाज के सम्मान की रक्षा के लिए संघर्ष निरंतर जारी रहेगा।

















