Haryana News: हरियाणा सरकार ने राज्य में बढ़ते इलेक्ट्रॉनिक कचरे (E-Waste) के निपटान के लिए एक अहम पहल की है। अब हर जिले में ई-वेस्ट कलेक्शन सेंटर स्थापित किए जाएंगे, जहां पुराने कंप्यूटर, मोबाइल, टीवी, फ्रिज और वाशिंग मशीन जैसे उपकरणों को वैज्ञानिक तरीके से नष्ट किया जाएगा। फिलहाल राज्य में 42 अधिकृत ई-वेस्ट रीसाइक्लर कार्यरत हैं।
सरकार ने यह निर्णय बढ़ते प्रदूषण और पर्यावरणीय असंतुलन को ध्यान में रखते हुए लिया है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में प्रतिदिन 5600 टन ठोस कचरा उत्पन्न होता है, जिसमें से केवल 77 प्रतिशत का ही निपटान हो पाता है। शेष 23 प्रतिशत कचरा खुले में रहता है, जो वायु और भूमि प्रदूषण का प्रमुख कारण है। इस समस्या से निपटने के लिए 13 इंटीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट्स स्थापित किए जाएंगे।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वर्षा ऋतु को छोड़कर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 200 से 500 के बीच रहता है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। ठोस और इलेक्ट्रॉनिक कचरे का उचित निपटान वायु प्रदूषण को कम करने में सहायक होगा।
राज्य के करीब 7000 अस्पतालों से निकलने वाले 22 टन बायोमेडिकल कचरे का प्रतिदिन 100 प्रतिशत निपटान किया जा रहा है। इसके लिए 11 सामान्य जैव-चिकित्सा अपशिष्ट निपटान केंद्र बनाए गए हैं। वहीं, उद्योगों से उत्पन्न खतरनाक कचरे के निपटान के लिए फरीदाबाद के पाली में विशेष प्रबंधन स्थल स्थापित किया गया है।
राज्यभर में 18 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन लगाए जाएंगे। सरकार का दावा है कि आने वाले समय में हरियाणा पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता प्रबंधन के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में उभरेगा। यह कदम प्रदेशवासियों के लिए स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।

















