रेवाड़ी की सांस्कृतिक संस्था बंजारा का पुरस्कृत हरियाणवी नाटक पहली बार मुंबई के वेदा कुणबा थियेटर में प्रस्तुत किया जाएगा। मुंबई में इस नाटक का मंचन 27 व 28 सितंबर को होगा। इसके लिए 20 कलाकारों का जत्था वीरवार को मुंबई के लिए रवाना हुआRewari Cultural organization Banjara
रेवाड़ी। सांस्कृतिक संस्था बंजारा के कलाकार पहली बार मुंबई में हरियाणवी नाटक जै सुख तै चाहवै जीवणा तो भोंदू बण के रह.. का वेदा कुणबा थियेटर में करेंगे। 1995 के राष्ट्रीय नाट्य उत्सव में इस नाटक के लिए संस्था को चार पुरस्कार मिल चुके हैं।Rewari Cultural organization Banjara
मुंबई में इस नाटक का मंचन 27 व 28 सितंबर को होगा। इसके लिए 20 कलाकारों का जत्था वीरवार को मुंबई के लिए रवाना हुआ। मुंबई रंगमंच व फिल्मी कलाकारों के बीच अपनी प्रतिभा दिखाने को लालायित रेवाड़ी के कलाकार पिछले दो माह से खासा पसीना बहा रहे हैं।Rewari Cultural organization Banjara
घोटालों पर किए गए हैं व्यंग्य: दिशाहीन शिक्षा व्यवस्था, जातिवाद, राजनीतिक हस्तक्षेप, देश के विभिन्न घोटालों आदि पर नाटक में तीखे व्यंग्य किए गए हैं। अभिनेता गोविंद नामदेव, राजपाल यादव, यशपाल शर्मा, जनार्दन शर्मा इस नाटक को लेकर प्रतिक्रियाएं दे चुके हैं। विजय भाटोटिया लिखित एवं निर्देशित नाटक में संगीत व गीत के साथ वरिष्ठ गायक विपिन सुनेजा एवं सत्यवीर नाहड़िया का भी सहयोग मिला है।Rewari Cultural organization Banjara
वरिष्ठ एवं उत्साही युवा कलाकारों की इस टीम में प्रमुख पात्र के रूप में सूत्रधार व मास्टर (गोपाल शर्मा), मंत्री (विजय भाटोटिया), भोंदू (खूबराम सैनी), हेडमास्टर (ऋषि सिंहल), विनोद शर्मा (कूड़ामल), राजेश जोली (भरतू), पंकज वर्मा (इंस्पेक्टर) शामिल हैं। इनके साथ सत्यप्रकाश, योगेश कौशिक रविंद्र, मयंक सैनी, हिमांशु, देवेंद्र, सन्नी, राहुल, रजनी, विक्रांत सैनी आदि विभिन्न भूमिकाएं संभाले हुए हैं।Rewari Cultural organization Banjara

















