HARYANA NEWS: Govt. योजनाओं को किस तरह लापरवाही की भेंट चढ़ाया जाता है, इसका जीता-जागता उदाहरण हरियाणा के रेवाड़ी में सामने आया है। करीब 14 साल पहले सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) के गरीब छात्राओं को स्कूल आने-जाने की सुविधा देने के लिए आई 7.50 लाख कीमत की साइकिल कबाड बन गई हैं
वर्तमान अधिकारियों, शिक्षकों तथा छात्रों से बातचीत की तो पता चला कि इन साइकिलों को विभाग ने 2010.11 में करीब खरीदा था, जो एससी वर्ग की छात्राओं को मिलनी थी, मगर तत्कालीन अधिकारियों ने इन्हें वितरित ही नहीं किया, जिसके चलते वर्षों से यह उसी कैमरे में रखी हुई हैं।
सूचना है कि इनको लेकर स्कूल ने एक-दो बार निदेशालय को लिखा भी था, मगर निदेशालय की ओर से भी शिक्षकों के मुताबिक, कोई जवाब ही नहीं आया, जिसके चलते साइकिलें रखी हुई हैं। इसके अलावा कुछ साइकिलें गर्ल्स स्कूल में भी रखी हुईं हैं, जिनके ऊपर कबाड़ डाल दिया है, जो नीचे छिप गई हैं।
इन साइकिलों की हालात इतनी ज्यादा खराब हो चुकी है कि एक तरफ तो लोहा जंग की भेंट चढ़ चुका है और वहीं दूसरी तरफ इनके टायर व ट्यूब भी गल गए हैं।
करीब 13 साल से एक बंद कमरे में यह साइकिलें लगातार धूल फांक रहीं हैं। साइकिलों की रिंग में से ग्रीस भी अब लगभग सूख चुका है। लेकिन सवाल अब यही है कि इतने दिन बीतने के बावजूद विभाग ने अभी तक इनकी सुध क्यों नहीं ली। क्यों एक कमरे में बंद करके रख दिया गया।
अधिकारी भी पल्ला झाड़ रहे : इसको लेकर जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) सुभाष चंद्र यादव से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि ये साइकिलें सर्व शिक्षा अभियान की हैं और उनके पास इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। इसलिए, इस बारे में सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारियों से बात की जानी चाहिए।
डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर (DPC ) राजेन्द्र शर्मा से पूछा गया तो उन्होंने भी रिकॉर्ड देखकर ही कुछ बताने की बात कही। बीईओ राजेश वर्मा से भी पूछा गया, मगर उन्हें भी इनकी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड चेक किया जाएगा, उसके बाद ही कुछ बताया जा सकता है।

















