Haryana: दलाला के जरीय फर्जी कागजातो से सीबीएसई से संबद्धता लेने वालो स्कूल संचालको की अब खैर नही है। स्कूल शिक्षा विभाग इन स्कूलों की सूची तैयार कर चुका है। जल्दी कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा, इतना ही नहीं इनकी मान्यता ही रद्द की जाएगी।
मची अफरा तफरी: विभाग की कार्रवाई करने के आदेश व नोटिस जारी से हरियाणा मे इन स्कूलों मे हडकंप मच गया है। स्कूल संचालको को फर्जी कागजात पर संबद्धता लेना महंगा पडेगा।
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6 पर मामला दर्ज: कुरुक्षेत्र के चार और कैथल के दो स्कूलों को गलत तरीके से संबद्धता दिलाने वाले दलाल के खिलाफ दोनों जिलों में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। इन स्कूलो पर मामला दर्ज होते ही अन्य स्कूल संचालको मे भय बना हुआ है।
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कैथल और कुरुक्षेत्र जिले के एसपी के संज्ञान में भी यह मामला है लेकिन स्कूल मालिकों की ऊपर तक पहुंच होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
एडीजीपी सीआईडी आलोक मित्तल भी फर्जी दस्तावेज के आधार पर सीबीएसई की संबद्धता दिलाने वाले दलालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दे चुके हैं, बावजूद इसके दलालों पर शिकंजा नहीं कस रहा।
35 स्कूलो पर गिरेजी गाज: स्कूल शिक्षा विभाग ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया है, चूंकि दस्तावेज तैयार करते समय सेकेंडरी शिक्षा विभाग के निदेशक के हस्ताक्षर भी फर्जी किए गए हैं।
शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दे चुके हैं। इसके बाद ही शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों ने 35 स्कूलों की सूची तैयार की है।
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संबद्धता आठवी तक चला रहे 12वीं तक चला रहा कक्षाएं
गुरुग्राम में एक नामी स्कूल आठवीं कक्षा तक की संबद्धता होने पर दूसरी शाखा में नौवीं से बारहवीं तक की कक्षाएं भी चला रहा है। मारुति कुंज और डीएलएफ फेज-दो में इसकी शाखाएं हैं।
अब स्कूल शिक्षा विभाग ने हाईकोर्ट के निर्देश पर स्कूल के खिलाफ शिकंजा कस दिया है। दीपक जैन ने हाईकोर्ट में स्कूल के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया था कि नौवीं से बारहवीं तक की संबद्धता नहीं है।
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स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट भी नहीं दिया जा रहा। हाईकोर्ट के निर्देश पर विभाग ने जांच कराई तो आरोप सही पाए गए। नियमों के उल्लंघन पर स्कूल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब मांगा गया है।
निदेशक सेकेंडरी शिक्षा, डॉ. अंशज सिंह की ओर से भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि नियमों के उल्लंघन पर क्यों न दोनों स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी जाए और जुर्माना भी लगाएं। स्कूल अगर संतोषजनक जवाब नहीं देता है तो विभाग आगे की कार्रवाई करेगा।