National News: नेपाल की राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाकों में सोमवार से जारी हिंसक विरोध प्रदर्शनों ने हालात बिगाड़ दिए हैं। सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प में अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 250 से ज्यादा लोग घायल हैं। हालात गंभीर होते देख नेपाल के गृहमंत्री रमेश लेखक ने इस्तीफा दे दिया है।
नेपाल की राजधानी काठमांडू में हालात बिगड़ने के बाद प्रशासन ने कर्फ्यू लागू कर दिया है। सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ हुए प्रदर्शन हिंसक हो गए, जिसके चलते सुरक्षा बलों को फायरिंग करनी पड़ी। अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 250 से ज्यादा लोग घायल हैं। स्थिति को काबू में करने के लिए प्रशासन ने तोड़फोड़ और उपद्रव करने वालों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी कर दिए हैं।National News

रिपोर्ट्स के मुताबिक, संसद भवन परिसर में घुसे करीब 12 हजार प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सेना ने फायरिंग की। संसद के गेट नंबर 1 और 2 पर प्रदर्शनकारियों ने कब्जा भी कर लिया था, जिसे नेपाल के इतिहास में संसद में पहली बार घुसपैठ की घटना माना जा रहा है।National News
इस विरोध की अगुआई 18 से 28 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं यानी Gen-Z कर रहे हैं। प्रशासन ने संसद भवन, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आवास के पास कर्फ्यू लागू कर दिया है। काठमांडू प्रशासन ने उपद्रव करने वालों को देखते ही गोली मारने के आदेश भी जारी किए हैं।
दरअसल, नेपाल सरकार ने 3 सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन लगाया था। सरकार का कहना था कि इन प्लेटफॉर्म्स ने संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में पंजीकरण नहीं कराया था, जबकि मंत्रालय ने इसके लिए 28 अगस्त को आदेश जारी कर 7 दिन की समय सीमा तय की थी।
यह अवधि 2 सितंबर को पूरी हो गई, जिसके बाद बैन लगाया गया। हालांकि, बढ़ते दबाव और विरोध की तीव्रता को देखते हुए सरकार ने अब सोशल मीडिया बैन हटा दिया है।National News

















