दिल्ली/ रेवाडी: सुनील चौहान। जिले में पहली बार गीदड़ और गोह के अंगों की तस्करी करने वालो को वाइल्ड लाइफ क्राइम ब्यूरो दिल्ली की टीम ने काबू किया है। टीम ने आरोपियों से गीदड़ व गोह के 34 अंग बरामद किए हैं। आरोपियों की पहचा बावल क्षेत्र के गांव नांगल तेजू निवासी प्रवीण और मोहित के रूप में हुई है । दोनो आरोपियों को बुधवार को पर्यावरण कोर्ट में पेश किया जाएगा। विभाग की टीम इस पूछताछ में भी जुटी है कि आखिर उक्त आरोपी कितने लंबे समय से तथा किन जगहों से इस तस्करी का खेल चला रहे हैं।
पशु अंगों से भरा बैग लेकर पहुंच गए स्टेशन के पास:
वन्य जीव विभाग के निरीक्षक देवेंद्र सिंह सिहाग ने बताया वाइल्ड लाइफ क्राइम ब्यूरो दिल्ली की टीम ने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो देखा था। इसमें कुछ युवक अपने पास वन्य जीवों के अंग बिक्री के लिए उपलब्ध होने की बात कर रहे थे। टीम ने ग्राहक बनकर सोशल मीडिया पर डाले वीडियो में दिए नंबर पर संपर्क साधा और बातचीत के खरीद तय कर ली।
दोनों युवकों ने रेवाड़ी रेलवे स्टेशन के निकट माल सौंपने की बात कही। इसके बाद ब्यूरो की टीम ने मामले की जानकारी वन्य जीव विभाग के अधिकारियों को दी। यहां वन्य प्राणी विभाग से निरीक्षक देवेंद्र कुमार और वन विभाग से रेंज ऑफिसर संदीप यादव के नेतृत्व में टीम गठित की गई।
यह टीम मौके पर पहुंच गई। जैसे ही प्रवीण व मोहित ने वन्यजीवों के अंगों का बैग ग्राहक बनकर पहुंचे टीम के दो सदस्यों को सौंपा, वैसे ही उन्हें दबोच लिया गया। उनके पास से 4 गीदड़ की नाभी व 30 नर गोह की हत्थाजोड़ी (जननांग) बरामद हुए हैं।
राजस्थान से जुड़े तस्करी के तार
पशु अंगों की तस्करी के तार राजस्थान से जुड़े बताए जा रहे हैं। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने यह अंग निकट स्थित जिला अलवर के गांव सीलगांव में एक सपेरे से खरीदे थे। हालांकि इतनी संख्या में एक सपेरे से अंक खरीदने को लेकर भी शक के घेरे में हैं।
कीमत तय नहीं, जो मिल जाए उतने दाम:
अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने इन अंगों की कीमत का कोई खुलासा नहीं किया है। आरोपियों का कहना है कि जिस भी व्यक्ति से जैसी डील हो जाए उसी हिसाब से खरीद फरोख्त कर ली जाती है। यानी सब दाव लगने पर निर्भर है कि कितने दाम में इन अंगों की बिक्री होगी। आरोपियों ने इन अंगों को लोगों द्वारा खरीदने के पीछे कुछ धारणाएं भी बताई।
आज फरीदाबाद में होंगे पेश:
आरोपियों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि दोनों आरोपियों का मेडिकल करा लिया गया है और बुधवार को फरीदाबाद स्थित एनवायरमेंट कोर्ट में पेश किया जाएगा।