रेवाड़ी: पुलिस अधीक्षक हेमेन्द्र कुमार मीणा के निर्देशन में रेवाड़ी जिले को नशामुक्त बनाने के लिए पुलिस द्वारा चलाया जा रहा अभियान लगातार गति पकड़ रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को निरीक्षक रामपाल के नेतृत्व में जिला पुलिस की नशा मुक्ति टीम ने गांव रसियावास, खेड़ी डालू सिंह और आनंदपुर में डोर टू डोर जाकर ग्रामीणों के साथ बैठकें कीं। इन बैठकों में ग्रामीणों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया गया और गांवों को नशामुक्त बनाने की दिशा में सहयोग की अपील की गई।
टीम ने इस दौरान दो नशा पीड़ित व्यक्तियों की काउंसलिंग कराकर उन्हें रेवाड़ी के डी-एडिक्शन सेंटर में भर्ती भी करवाया। अब तक जिले में पुलिस द्वारा 67 ऐसे लोगों की पहचान की जा चुकी है जो किसी न किसी प्रकार के नशे के शिकार हैं, जिनमें से 18 का इलाज करवाया जा चुका है। यह अभियान लगातार जारी है और नशे के शिकार लोगों को इलाज के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
निरीक्षक रामपाल ने कहा कि यदि पुलिस और आमजन एकजुट होकर काम करें, तो नशे जैसी सामाजिक बुराई पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि नशा न केवल व्यक्ति के जीवन को तबाह करता है, बल्कि उसके पूरे परिवार को भी संकट में डाल देता है। उन्होंने युवाओं को इस अभियान से जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि कई नशा पीड़ित युवा अब इस मुहिम से प्रेरित होकर नशा छोड़कर शिक्षा और खेलों की ओर लौट रहे हैं।
पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि यदि उन्हें किसी व्यक्ति द्वारा नशे के सेवन या नशे की सप्लाई की जानकारी है तो वे MANAS हेल्पलाइन नंबर 1933 या 112 पर सूचित करें। सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम व पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी। निरीक्षक रामपाल ने कहा कि नशा एक सामाजिक अभिशाप है, जिसे समाप्त करने के लिए समाज के हर वर्ग को मिलकर प्रयास करना होगा।

















