Haryana CET 2025: हरियाणा में सीईटी के एडमिट कार्ड डाउनलोड नहीं कर पाने वाले 21 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में लगातार तीसरे दिन सुनवाई हुई।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सिर्फ 170 याचिकाकर्ता जो हाईकोर्ट पहुंचे हैं, उन्हें ही प्रोविजनल रूप से एग्जाम में बैठने की परमिशन दी जाएगी, जबकि बाकी 21,500 अभ्यर्थियों के रोल नंबर जारी नहीं होंगे।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने HSSC और राज्य सरकार से तीखे सवाल पूछे। कोर्ट ने कहा कि जब अभ्यर्थियों ने सभी डॉ़क्यूमेंट अपलोड कर दिए, फीस भर दी और एफिडेविट का प्रिंट भी मिल गया, तो उन्हें परीक्षा से वंचित क्यों किया गया।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आज की सुनवाई सिर्फ एडमिट कार्ड से जुड़े मुद्दे पर सीमित रहेगी, जबकि अन्य मामलों की सुनवाई अगली तारीख पर की जाएगी।
HSSC ने दाखिल किया अपना जवाब, रिलीफ नहीं देने को कहा
HSSC ने हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है। इसमें सरकार की तरफ से कहा गया है कि अभ्यर्थियों ने एफिडेविट प्रिंट फाइनल तौर पर अगर अपलोड नहीं किया तो इसे अधूरा माना जाएगा। यह पहले ही अभ्यर्थियों को बताया गया था। सभी डॉक्यूमेंट देने फार्म भरने व फीस देन के बाद एफिडेविट भरना अनिवार्य है। इसी के बाद फार्म को पूरा माना गया है।
एफिडेविट के बाद अभ्यर्थियों को इसे हस्ताक्षर करके अपलोड करना था, इस कारण से इसे अधूरा मान गया है। HSSC ने अपने जवाब में मैगन कार्टा सिलेक्शन प्रोसेस का भी उदाहरण दिया है। जिसके अनुसार टर्म एंड कंडीशन पूरी न करने और अधूरे फार्म होने के चलते संबधित अभ्यर्थियों को रिलीफ नहीं दिया जाना चाहिए।

















