दिल्ली: देशभर में गेहूं का बड़ा संकट खड़ा होता दिख रहा है। क्योंकि गेहूं का भाव मंडियों में एमएसपी से 40 परसेंट तक ऊपर निकल गया है। गेहूं ही नहीं बल्कि आटे का भाव भी अब आसमान छूने लगा है। आशंका इस बात की भी जताई जा रही है कि गेहूं में अभी और तेजी देखने को मिलेगी।
गूेह के भावो मे आया उछाल: गेहूं का भाव एमएसपी के पार निकल गया है। गेहूं का होलसेल भाव ₹30 प्रति किलो तक पहुंच गया है। जबकि एमएसपी से गेहूं का दाम 30 से 40 परसेंट ज्यादा हुए हैं। गेहूं का एमएसपी 20.15 रुपए प्रति किलो है। बीते 4 महीने में ₹4 प्रति किलो तक गेहूं के दाम बढ़े हुए हैं। आटे की कीमत 17 से 20 परसेंट तक बढ़ चुके हैं।
जानिए सरकार के पास कितना गेहूं?
वित्तवर्ष 2021-22 के दौरान सरकार के गेहूं भंडारण में करीब 56 फीसदी कमी आई है। यह गिरावट उत्पादन घटने और निर्यात बढ़ने की वजह से दिख रही है। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से ग्लोबल मार्केट में गेहूं की सप्लाई पर बुरा असर पड़ा है। तब भारत ने बड़ी मात्रा में कई देशों को गेहूं सप्लाई किया था। इससे सरकार के भंडारण में कमी आ गई और गेहूं का भंडार 14 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया।
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युद्ध का हो रहा असर: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का असर कीमतों पर हैं। दरअसल इस जंग की वजह से डिमांड और सप्लाई पर असर हुआ है क्योंकि रूस और यूक्रेन में गेहूं बड़ी मात्रा में होता है। सरकार ने इस साल मई में गेहूं के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी थी, इस वित्त वर्ष के पहले 6 महीनों (अप्रैल-सितंबर के बीच) में वास्तविक शिपमेंट पिछले साल की तुलना में दोगुना हो गया था।Rewari News: 50 गांवों में बनेगे STP Plant, 3 करोड 60 लाख रुपये होगे खर्च
सरकार के पास 1 अक्टूबर 2022 को 2.27 करोड़ टन गेहूं का भंडार था, जबकि इस अवधि तक बफर नियम 2.05 करोड़ टन गेहूं के स्टॉक की जरूरत थी
फ्लोर मिलों की मांग :
फ्लोर मिलों का कहना है कि सरकार ओपन मार्केट के जरिए गेहूं को बेचे तो कीमतों में नरमी आ सकती है। 40 लाख मीट्रिक टन गेहूं की बिक्री होनी चाहिए। कीमतें कम रखने के लिए गेहूं की बिक्री जरूरी है।