Haryana: हरियाणा में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम को कार्रवाई के दौरान एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। टीम ने शुक्रवार को उपायुक्त (DC) के निजी सहायक (PA) को 3.5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। PA ने एक कर्मचारी से ट्रांसफर करवाने की एवज में पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। पीड़ित ने परेशान होकर ACB से शिकायत कर दी।
क्लर्क के पद पर ट्रांसफर कराने के नाम पर मांग रहा था रिश्वत
इसके बाद एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने योजना बनाकर उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के घर की तलाशी भी ली जा रही है। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने शुक्रवार को जिला प्रशासनिक परिसर में छापा डाला जिससे वहां पर हड़कंप मच गया। उपायुक्त का निजी सहायक शशांक शर्मा सोनीपत उपायुक्त कार्यालय में तैनात लिपिक जितेंद्र कुमार को राई तहसील में रजिस्ट्री क्लर्क के पद पर ट्रांसफर कराने के नाम पर रिश्वत मांग रहा था।
शशांक के पास से 3.5 लाख रुपये बरामद हुए हैं जो उसने रिश्वत के तौर पर वसूल किए थे। कर्मचारी को राई तहसील में ट्रांसफर कराने के एवज में शशांक शर्मा ने पांच लाख रुपये की मांग की थी।
पहले हड़प चुका डेढ़ लाख रुपये
जितेंद्र कुमार डेढ़ लाख रुपये पहले दे चुके थे। शशांक साढ़े तीन लाख रुपये और मांग रहा था। जितेंद्र कुमार ने पूरी सूचना एंटी करप्शन ब्यूरो को दे दी। इसके बाद एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने योजनाबद्ध तरीके से शशांक को रंगे हाथ गिरफ्तार करने की रूप रेखा तैयार की।
बाकी के 3 तीन 50 हजार रुपये देने के लिए जितेंद्र शशांक के पास पहुंचे। जैसे ही शशांक ने रिश्वत की रकम हाथ में ली एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

















