दिल्ली: सुनील चौहान। लंबे समय कोविड पोर्टल में मिल रही शिकायतें का स्वयं ही निपटारा किया जा सकेगा। लोेगो की सुविधा के लिए केंद्र सरकार ने कोविन पोर्टल पर एक नया फीचर जोड़ दिया है। इससे अगर वैक्सीन लगवाने वाले व्यक्ति के वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट में किसी तरह की गलती हो गई है, तो अब आप इसे कोविन पोर्टल के जरिए ठीक किया जा सकेगा। इसके जरिए नाम, डेट ऑफ बर्थ या जेंडर से जुड़ी गलतियों को सुधारा जा सकेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी विकास शील ने बुधवार को यह जानकारी दी।
इन स्टेप्स के जरिए कर सकेंगे करेक्शन
1. सबसे पहले http://cowin.gov.in पर जाना होगा।
2. इसके बाद वैक्सीन लगवा चुके व्यक्ति को रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से लॉग इन करना होगा।
3. ‘रेज एन इश्यू’ के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
4. नाम, ईयर ऑफ बर्थ और जेंडर में करेक्शन का ऑप्शन आएगा। इस पर टिक करके करेक्शन किया जा सकेगा।
(एक मोबाइल से मल्टीपल वैक्सीनेट मेंबर्स के करेक्शन के लिए मेंबर की डीटेल को चुनना होगा)
कोविन ऐप के 5 मॉड्यूल
इस ऐप से वैक्सीनेशन की प्रोसेस, एडमिनिस्ट्रेटिव एक्टिविटीज, टीकाकरण कर्मियों और उन लोगों के लिए एक मंच की तरह काम करता है, जिन्हें वैक्सीन लगाई जाना है। इसमें 5 मॉड्यूल दिए हैं। जिसमें प्रशासनिक मॉड्यूल, रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल, वैक्सीनेशन मॉड्यूल, लाभान्वित स्वीकृति मॉड्यूल और रिपोर्ट मॉड्यूल शामिल हैं।
प्रशासनिक मॉड्यूल: वे लोग जो वैक्सीनेशन इवेंट का संचालन करेंगे। इस मॉड्यूल के जरिए वे सेशन तय कर सकते हैं, जिसके जरिए टीका लगवाने के लिए लोगों और प्रबंधकों को नोटिफिकेशन के जरिए जानकारी मिलेगी।
रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल: उन लोगों के लिए होगा जो टीकाकरण कार्यक्रम के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाएंगे।
वैक्सीनेशन मॉड्यूल: उन लोगों की जानकारियां को वेरिफाई करेगा, जो टीका लगवाने के लिए अपना रजिट्रेस्शन करेंगे और इस बारे में स्टेटस अपडेट करेगा।
लाभान्वित स्वीकृति मॉड्यूल: इसके जरिए टीकाकरण के लाभान्वित लोगों को मैसेज भेजे जाएंगे। इससे क्यूआर कोड भी जनरेट होगा और लोगों को वैक्सीन लगवाने का ई-सर्टिफिकेट भी मिलेगा।
रिपोर्ट मॉड्यूल: इसके जरिए टीकाकरण कार्यक्रम से जुड़ी रिपोर्ट तैयार होंगी। जैसे, टीकाकरण के कितने सेशन हुए, कितने लोगों को टीका लगा, कितने लोगों ने रजिस्ट्रेशन के बावजूद टीका नहीं लगवाया आदि।
देश में वैक्सीनेशन का हाल:
देश में कोरोना वैक्सीन के 23 करोड़ 90 लाख 58 हजार 360 डोज दिए जा चुके हैं। इसमें 99.95 लाख हेल्थकेयर वर्कर्स को पहला डोज और 68.91 लाख को दोनों डोज लगाए जा चुके हैं। ऐसे ही 1.63 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को पहला डोज और 87.26 लाख लोगों को दोनों डोज दिए जा चुके हैं।
देश में 18 से 44 साल के उम्र के 3.17 करोड़ लोगों को वैक्सीन का पहला डोज दिया जा चुका है। इनमें 3.16 लाख लोगों को दोनों डोज लग चुके हैं। वहीं, 45 से 60 साल के बीच के 7.25 करोड़ लोगों को वैक्सीन का पहला डोज लग चुका है। इनमें 1.15 करोड़ लोग वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके हैं।
सीनियर सिटीजन यानी 6 साल से ज्यादा उम्र के 6.12 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन का पहला डोज दिया जा चुका है। इनमें से 1.94 करोड़ लोग वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके हैं।