Sukanya Samriddhi Yojana: बेटियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए समय रहते वित्तीय तैयारी करना बहुत जरूरी है। खासकर उच्च शिक्षा और शादी जैसे बड़े खर्चों को ध्यान में रखते हुए सही निवेश योजना चुनना हर माता-पिता की प्राथमिकता होनी चाहिए। ऐसे में भारत सरकार की ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ (SSY) एक भरोसेमंद और सुरक्षित विकल्प बनकर उभरती है। यह योजना न केवल टैक्स में छूट देती है, बल्कि 8.2% चक्रवृद्धि ब्याज के साथ एक बड़ा फंड भी बनाती है – वो भी बिना किसी जोखिम के।
आइए इस योजना के मुख्य नियमों, लाभों और एक वास्तविक उदाहरण को समझते हैं ताकि यह समझा जा सके कि आप अपनी बेटी के लिए ₹70 लाख से अधिक का फंड कैसे बना सकते हैं।
सुकन्या समृद्धि योजना के मुख्य बिंदु:
आप कब और कैसे खाता खोल सकते हैं?
यह खाता बेटी के नाम पर जन्म से लेकर 10 वर्ष की आयु तक किसी भी अधिकृत बैंक या डाकघर में खोला जा सकता है।
अधिकतम कितने खाते खोले जा सकते हैं?
प्रत्येक परिवार अधिकतम दो बेटियों के लिए खाता खोल सकता है। जुड़वाँ या तीन बेटियाँ एक साथ पैदा होने पर यह संख्या बढ़ सकती है।
योगदान अवधि और लॉक-इन अवधि
खाता खोलने के बाद, इसमें 15 साल तक निवेश किया जा सकता है। इसके बाद, मैच्योरिटी (बेटी की उम्र 21 साल) तक खाता बंद नहीं किया जा सकता, हालाँकि ब्याज मिलता रहता है।
निकासी का विकल्प
बेटी के 18 साल की होने पर उसकी पढ़ाई के लिए कुल राशि का 50% निकाला जा सकता है। शेष राशि 21 साल की उम्र में पूरी तरह निकाली जा सकती है।
कर में तिगुना लाभ (EEE छूट)
इस योजना में किया गया निवेश, उस पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी राशि – तीनों ही आयकर से मुक्त हैं।
न्यूनतम और अधिकतम निवेश
हर वित्तीय वर्ष में न्यूनतम ₹250 और अधिकतम ₹1.5 लाख का निवेश किया जा सकता है। यह राशि एकमुश्त या किश्तों में जमा की जा सकती है।
कैसे बनेगा ₹70 लाख का फंड?
अगर आप इस साल यानी 2025 में अपनी 1 साल की बेटी के नाम पर अकाउंट खोलते हैं और हर साल अधिकतम ₹1.5 लाख निवेश करते हैं। इस तरह 15 साल में आपका कुल निवेश ₹22,50,000 हो जाएगा। 8.2% की चक्रवृद्धि ब्याज दर से आपको 2046 में करीब ₹69.27 लाख की मैच्योरिटी राशि मिलेगी – जिसमें से करीब ₹46.77 लाख सिर्फ ब्याज होगा।

















