Haryana News: हरियाणा सरकार ने बिजली की हाईटेंशन लाइनों के लिए भूमि अधिग्रहण से जुड़ी मुआवजा नीति में बड़ा बदलाव किया है. अब गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित सभी 11 नगर निगम क्षेत्रों में अगर किसी की जमीन के ऊपर से हाईटेंशन तार गुजरते हैं, तो उसे भूमि की कीमत का 60% मुआवजा दिया जाएगा. वहीं नगर पालिका और नगर परिषद क्षेत्रों में यह मुआवजा 45% और ग्रामीण क्षेत्रों में 30% तय किया गया है.
मुआवजा सर्किल रेट या कलेक्टर रेट पर आधारित होगा
यह मुआवजा भूमि के सर्किल रेट या कलेक्टर रेट के आधार पर दिया जाएगा. यदि जमीन का मार्केट रेट अधिक है, तो मुआवजा निर्धारण के लिए जिला स्तर पर एक समिति का गठन किया जाएगा, जो उचित दर पर सहमति बनाएगी.
जिला स्तर पर गठित होगी समिति
इस समिति में उपायुक्त (या उनके द्वारा नामित अधिकारी) अध्यक्ष होंगे. इसके अलावा समिति में भूमि मालिकों का प्रतिनिधि, ट्रांसमिशन सेवा प्रदाता कंपनी का अधिकारी और हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के संबंधित क्षेत्र का बिजली अधीक्षण अभियंता सदस्य होंगे. आवश्यकता पड़ने पर एक अतिरिक्त सदस्य को भी समिति में शामिल किया जा सकता है.
आईएसटीएस लाइनों के लिए विशेष दिशा-निर्देश
अंतरराज्यीय प्रेषण प्रणाली (ISTS) के तहत राइट ऑफ वे (ROW) से जुड़े मुआवजे को लेकर ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह ने आधिकारिक अधिसूचना जारी की है. इसके अनुसार यदि मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा तय की गई भूमि दरों में अंतर 20% से कम हो, तो उनका औसत मूल्य संदर्भ दर मानी जाएगी. यदि यह अंतर 20% से अधिक होता है, तो समिति बातचीत से समाधान निकालेगी. असफलता की स्थिति में, एक तीसरे मूल्यांकक की नियुक्ति होगी.
मूल्यांकनकर्ताओं की फीस समिति उठाएगी
भूमि मूल्य का निष्पक्ष निर्धारण करने के लिए भूमि मूल्यांकनकर्ताओं की फीस समिति वहन करेगी. इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और भूमि मालिकों को न्यायसंगत दर मिल सकेगी.
किसानों को मिलेगा अब 200 प्रतिशत मुआवजा
खेतों में लगने वाले ट्रांसमिशन टावरों या खेत के ऊपर से गुजरने वाली हाईटेंशन लाइनों के लिए अब किसानों को भूमि कीमत का 200% मुआवजा मिलेगा. पहले यह मुआवजा 100% तक सीमित था. इस नीति से किसानों और बिजली कंपनियों के बीच चल रहे पुराने विवादों को खत्म करने में मदद मिलेगी.
बिना अधिग्रहण भी मिलेगा मुआवजा
नई नीति के तहत सरकार भूमि का अधिग्रहण किए बिना भी किसानों को मुआवजा देगी. इससे किसानों की भूमि पर स्वामित्व बना रहेगा. लेकिन सरकार उपयोग कर सकेगी. ट्रांसमिशन लाइन कॉरिडोर के लिए भी मुआवजे का प्रावधान नई नीति की खासियत है, जो पहले की नीति में नहीं था.
नई नीति से ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स में तेजी की उम्मीद
सरकार को उम्मीद है कि इस नई नीति से ट्रांसमिशन परियोजनाओं में तेज़ी आएगी. क्योंकि अब भूमि मालिक मुआवजे को लेकर आश्वस्त होंगे. इससे बिजली आपूर्ति प्रणाली को मजबूती मिलेगी और विकास कार्यों में बाधा नहीं आएगी.
फसल का मुआवजा पुरानी नीति के अनुसार ही मिलेगा
हालांकि, किसानों को उनकी फसल का मुआवजा अब भी पूर्ववर्ती नीति के तहत ही मिलेगा. भूमि का मुआवजा नई दरों से तय होगा. लेकिन फसल के नुकसान का आकलन पहले जैसे ही किया जाएगा.
भूमि मालिकों को नई राहत की उम्मीद
नई मुआवजा नीति से भूमि मालिकों को वित्तीय राहत मिलने की संभावना है. साथ ही ट्रांसमिशन कंपनियों को भी समय पर परियोजनाएं पूरा करने में मदद मिलेगी. इससे राज्य में ऊर्जा बुनियादी ढांचे का विकास तेज़ होगा.

















