धारूहेडा: सुनील चौहान। बहुत ही कम लोग ऐसे होते है जो राजनीति में मिले मिलाए पद को छोडने का साहस करें। लेकिन पहली बार धारूहेडा में बनी नगरपालिका के पूर्व व स्व चेयरमैन पवन राव ने धारूहेडा में विकास के लिए जिला प्रशासन की ओर मनमानी करने पर त्याग पत्र दे दिया था। पवन राव जेलदार की ईमानदारी के चलते जिला प्रशासन को यह तक कहा दिया था कि वह रबड की मोहर नहीं है जिसे प्रशासन जहां जाएं वहां लगा ले। अगर धारूहेडा में विकास कार्यो को लेकर कोताई बरती तो वह हरगिज इसे बरदास नहीं करेगा। पवनराव के अनुसार जिला प्रशासन की ओर से कुछ कालोनियों को वैध नहीं किया जा रहा था, जबकि उन कालोनियों मे नपा की ओर से विकास कार्य करवाए गए थे। वर्ष 2008 में पहली जब चुनाव हुए पवन राव ने पार्षद का भारी मतों से चुनाव जीतकर चेयरमैन का पद ग्रहण किया था। अपनी ईमानदारी की छवि को बनाए रखते हुए पवन राव ने महज ढाई साल में खूब विकास कार्य करवाए, इतना ही प्रशासन की लापरवाही के चलते चेयरमैन के पद से त्याग पत्र दे दिया था।
उसका कोरोना संक्रमण के चलते 2 मई को निधन हो गया था। शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए 13 मई का उनकी निवास स्थान बडा दरबाजा पर तेहरवी मनाई जा रही है।
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