विराट अस्पताल में हुई चार मौत का जिम्मेदार कौन? सात दिन बाद भी नहीं क्यो नहीं आई जांच रिपोर्ट

रेवाड़ी, 6 मई (सुनील चौहान)।
एक सप्ताह पूर्व रेवाड़ी के विराट हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की सप्लाई रोक दिए जाने के कारण ऑक्सीजन के अभाव में 7 कोरोना मरीजों की मौत पर 48 घंटे में प्रशासन द्वारा जांच पूरी करने के आदेश का क्या हुआ? यह सवाल जन संघर्ष कमेटी के प्रवक्ता कामरेड राजेंद्र सिंह एडवोकेट ने उठाते हुए कहा कि प्रशासन इस जांच पर चुप्पी क्यों साध गया? जबकि विराट हॉस्पिटल के डॉ विराटवीर ने पत्रकारों के समक्ष यह आरोप लगाया था कि बदनियति से फोन करके उनकी सप्लाई को रोका गया और जिसका परिणाम यह हुआ कि 4 कोविड मरीजों की ऑक्सीजन के अभाव में मौत हो गई और 3 मरीज गंभीर अवस्था में वेंटीलेटर पर है।
कामरेड राजेंद्र सिंह ने कहा कि विराट हॉस्पिटल द्वारा लगाए गए गंभीर आरोप का जवाब आज तक जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग ने नहीं दिया है और ना ही जांच के आश्वासन के बाद इस बारे कोई जांच की गई है और अगर प्रशासन ने अपने स्तर पर कोई जांच भी की है तो उसको सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया? ऑक्सीजन की कमी के कारण और ऑक्सीजन की कमी भी इसलिए फोन कर सप्लाई को रोक दिया गया एक बहुत ही गंभीर आपराधिक कार्रवाई की परिभाषा में आता है। इससे संबंधित तमाम पहलुओं की जानकारी हासिल करना नागरिकों का अधिकार है।

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कामरेड सिंह ने तमाम नागरिकों एवं सामाजिक संस्थाओं से अपील की है की ऐसी घटनाओं के पुनरावृति ना हो, इसके लिए आपराधिक लापरवाही करने वाले चाहे जो भी हो, उनके खिलाफ कार्रवाई होना जरूरी है और प्रशासन इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी करें।