हरियाणा सरकार ने शहरी क्षेत्रों में संपत्ति पंजीकरण की प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने घोषणा की थी कि अब शहरी क्षेत्रों में केवल संपत्ति आईडी के आधार पर ही पंजीकरण हो सकेगा, जिससे लोगों को नामांतरण करवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
सरकार इस नई व्यवस्था को पहले चरण में करनाल और सोनीपत जिलों में लागू कर रही है। इसके बाद इसे धीरे-धीरे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
इस नई व्यवस्था से क्या बदलाव आएगा?
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले शहरी, ग्रामीण और ‘अन्य क्षेत्र’ के नाम पर संपत्ति पंजीकरण में जटिलताएं होती थीं। खासकर ‘अन्य क्षेत्र’ के प्रावधान का दुरुपयोग करके कुछ लोग फर्जी तरीके से पंजीकरण करवा लेते थे। अब इस खामी को दूर कर दिया गया है।
संपत्ति आईडी से कैसे मिलेगा फायदा?
नई व्यवस्था में संपत्ति आईडी सिर्फ पहचान का जरिया होगी, लेकिन जब इसे राजस्व रिकॉर्ड से जोड़ दिया जाएगा तो इसे पंजीकरण के लिए वैध माना जाएगा। इसके लिए सरकार शहरी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर डिजिटल मैपिंग करवा रही है, ताकि सही संपत्ति रिकॉर्ड तैयार किया जा सके।
इस कदम से न केवल प्रक्रिया सरल होगी, बल्कि जमीन से जुड़ी धोखाधड़ी पर भी लगाम लगेगी। हालांकि, शुरुआती दौर में कुछ लोगों को परेशानी हो सकती है, लेकिन लंबे समय में यह व्यवस्था नागरिकों के लिए फायदेमंद साबित होगी।

















