Singapore: किसी ने ठीक ही कहा है जान है तो जहान है। सिंगापुर में जलती इमारत से बच्चों और वयस्कों की जान बचाने वाले चार भारतीय कामगारों को Singapore में सम्मानित किया गया। सरकार ने उनकी बहादुरी के लिए उन्हें ‘फ्रेंड्स ऑफ एसीई’ पुरस्कार से नवाजा गया । हादसे में 22 लोग फंसे थे, जिनमें एक बच्ची की मौत हो गई।
बता दे कि बसिंगापुर सरकार ने चार भारतीय प्रवासी कामगारों को आग से जलते एक शॉपहाउश से बच्चों और वयस्कों की जान बचाने के लिए सम्मानित किया है। इस हादसे में कुल 16 बच्चे और छह वयस्क फंसे हुए थे। हादसे में 22 लोग फंसे थे, जिनमें एक बच्ची की मौत हो गई।
जानिए क्या हुआ था: बता दे कि Singapore में आठ अप्रैल की सुबह जब इन कामगारों ने पास की इमारत से बच्चों की चीखें सुनाई दी और धुआं निकलते देखा। ऐसा देखते ही वे तुरंत हरकत में आ गए। उन्होंने अपने निर्माण स्थल से मचान और सीढ़ी उठाई और सामने की इमारत में फंसे बच्चों को बचाने पहुंच गए। जान पर हथेली पर लेकर बच्चो की जान बचाना बहुत बडी बहादुरी की है।
जानिए कौन है ये बहादुर: ये चार बहादुर भारतीय इंदरजीत सिंह, सुब्रमण्यन शरणनराज, नागराजन अंबरासन और सिवासामी विजयाराज हैं। इन सभी को सिंगापुर के श्रम मंत्रालय के एसीई (आश्वासन, देखभाल और सहभागिता) ग्रुप की ओर से ‘फ्रेंड्स ऑफ एसीई’ सम्मान दिया गया।

















