लोंग ड्राइव पर जाने से पहले जाने यह सब, अन्यथा पड सकती है ड्राइव मंहगी

 

दिल्लीः अगर लोग पूरे परिवार के साथ कार में लोंग ड्राइव पर निकलते है लेकिन कई बार आनन फानन में ही कहीं पर जाना मंहगा पड जाता है। अगर आप लोग ड्राइव जा रहे है तो इन बातों का ध्यान रखें अन्यथा आपकी जान सांसत में फंस सकती है और कार को टोचन करके सर्विस सेंटर पर लाने की जरूरत पड़ सकती है। अगर आप अपनी जान और कार की सेहत ठीक रखना चाहते हैं तो इन टिप्स को याद कर लीजिए।

 

सबसे पहले इंजन ऑइल की जांच करिए

इंजन ऑइल की जांच करने के लिए कार किसी समतल जगह पर खड़ी करके स्टार्ट करें और कुछ देर चालू रखकर इंजन बंद कर दें। एक मिनट इंतजार के बाद इंजन ऑइल की ड्रिप को बाहर निकालिए, इसे किसी गंदे कपड़े या टिश्यू पेपर से साफ कीजिए और वापस लगा दीजिए। इसे एक बार फिर निकालिए और देखिए कि ड्रिप ऑइल में पूरी डूबी हुई है या नहीं। अगर इंजन ऑइल बहुत ज्यादा काला है तो उसे बदलना ही बेहतर है। अगर ऑइल का लेवल कम है तो थोड़ा और ऑइल डालकर उसे भर दीजिए। अगर लगता है कि इंजन ज्यादा ऑइल ले रहा है तो ट्रिप पर अपने साथ इंजन ऑइल रखना न भूलिए।

कार में यूजर मैन्युअल जरूर रख लें

गाड़ी का मैन्युअल गाड़ी में रख लें। सफर के दौरान गाड़ी से जुड़ी आने वाली दिक्कतों का इसमें समाधान होता है। फिर वह पंक्चर बनाना हो या फिर कोई नट या बोल्ट खोजना। अगर यूजर मैन्युअल खो गया है तो कई कार निर्माता कंपनियां अपनी वेबसाइट से भी इन्हें डाउनलोड करने का ऑप्शन देती हैं।

एयर फिल्टरों की जांच बेहद जरूरी

अगर लंबे समय से अपनी गाड़ी के एयर फिल्टर नहीं बदले हैं तो बदल लीजिए। गंदे एयर फिल्टर से गाड़ी की पावर कम हो जाती है। अगर आप खुद एयर फिल्टर बदलना चाहते हैं तो मैन्युअल का सहारा लीजिए।

चेक कर लें लाइट, टायर्स और विडशील्ड वाइपर्स

चेक कर लें कि गाड़ी की सभी लाइटें सही चल रही हैं और विंडशील्ड वाइपर्स भी काम कर रहे हैं। टायर्स की जांच कर लीजिए और ब्रेक्स की भी। अगर कोई भी कमी है तो इन्हें बदल डालिए। हवा भरने की एक मशीन, टूल बॉक्स और स्पेयर टायर्स भी साथ रख लें।

इंजन कूलेंट का अवलोकन कर लें

इंजन कूलंट की जांच करने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी होगी। इसे बाहर से ही देख सकते हैं। ओवरफ्लो टैंक को देखिए कि उसमें कितना फ्लूइड है। फ्लूइड का लेवल लो और फुल मार्क के बीच में होना चाहिए। यह कहां होता है, इसकी जानकारी मैन्युअल से मिल जाएगी। कूलंट में थोड़ा पानी मिला सकते हैं। अगर कोई लीक है तो उसे भी सही करा लें।

बोनट उठाइए और देखिए कि लीक तो नहीं है

गाड़ी निकालते ही सबसे पहले बोनट उठाइए और देखिए कि कहीं कोई लीक तो नहीं है। बैटरी साफ है या नहीं और ड्राइव बेल्ट किस हालत में है। अगर बेल्ट टूट रही है या खराब हो रही है तो उसे बदल लीजिए। इंजन ऑइल समेत गाड़ी में इस्तेमाल होने वाले हर तरह के फ्लूइड की जांच कर लीजिए।

अगर बैटरी के ऊपर ऐसिड नजर आ रहा है !

लंबे सफर के लिए बैटरी की जांच बेहद जरूरी होती है। अगर बैटरी के ऊपर ऐसिड नजर आ रहा है या उसमें कोई टूट-फूट है तो बैटरी बदलना बेहतर है। जांच लीजिए कि बैटरी टर्मिनल्स टाइट हैं या नहीं। अगर गाड़ी स्टार्ट करते समय महसूस होता है कि इंजन की आवाज कम आ रही है तो हो सकता है कि बैटरी की लाइफ ज्यादा नहीं बची है। आम तौर पर नई बैटरी 3 से 6 साल तक चलती है।