Haryana Regional Veterinary Center: हरियाणा के कैथल जिले के गांव क्योड़क में करोड़ों की लागत से बन रहा लाला लाजपत राय पशुपालन विश्वविद्यालय, हिसार (LUVAS) का रीजनल सेंटर अब जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। अक्टूबर 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस परियोजना की घोषणा की थी, लेकिन 9 साल बाद भी यह पूरी तरह से कार्यरत नहीं हो पाया।
हालांकि, अब प्रशासन ने इस अधूरे प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने का फैसला किया है। कैथल की डिप्टी कमिश्नर (DC) प्रीति ने इस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए कहा कि 90% निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और अतिरिक्त बजट मिलते ही अप्रैल से बचा हुआ कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
पशुपालकों के लिए बड़ी राहत
यह रीजनल सेंटर शुरू होने के बाद पशुपालकों को हिसार जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस केंद्र में अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी, जिससे किसानों और पशुपालकों को बहुत फायदा होगा।
- पशु एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड की सुविधा
- ऑपरेशन और सर्जरी की आधुनिक मशीनें
- लैब में रक्त, गोबर और मूत्र परीक्षण के लिए उपकरण
- अनुभवी पशु वैज्ञानिकों की देखरेख में इलाज
लंबे समय से रुका था प्रोजेक्ट
2016-17 में इस प्रोजेक्ट का काम शुरू हुआ था, लेकिन बीच में कोविड-19 महामारी की वजह से निर्माण कार्य रुक गया। इसके बाद कुछ समय तक धीमी गति से काम चला, लेकिन अब अंतिम चरण में पहुंच चुका है।
वर्तमान में, बिल्डिंग तैयार हो चुकी है, लेकिन बिजली फिटिंग, खिड़की-दरवाजे और रंग-रोगन का काम बाकी है। इसके अलावा होस्टल, रेस्ट हाउस और आवासीय परिसर भी बनाए जाने हैं, जिसके लिए अतिरिक्त बजट की स्वीकृति मांगी गई है।
कैथल समेत कई जिलों को होगा फायदा
इस पशुपालन रीजनल सेंटर से न केवल कैथल, बल्कि कुरुक्षेत्र, करनाल और अंबाला जैसे आसपास के जिलों को भी लाभ मिलेगा। यहां आधुनिक पशु चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे गंभीर बीमारियों का इलाज स्थानीय स्तर पर ही संभव होगा।
प्रशासन की क्या है योजना?
LUVAS निदेशक नरेश जिंदल ने बताया कि अप्रैल माह में बजट की स्वीकृति मिलते ही काम फिर से शुरू कर दिया जाएगा। यह केंद्र हरियाणा के पशुपालकों के लिए एक वरदान साबित होगा, जिससे उन्हें दूर-दराज नहीं जाना पड़ेगा और उनकी दिक्कतें कम होंगी।
कैथल जिले में बनने वाला यह रीजनल पशुपालन सेंटर हरियाणा के पशुपालकों और किसानों की बड़ी जरूरतों को पूरा करेगा। सरकार की ओर से जल्द से जल्द इसे कार्यशील करने की योजना बनाई जा रही है। अगर सब कुछ तय योजना के अनुसार हुआ, तो यह प्रोजेक्ट न केवल कैथल बल्कि पूरे प्रदेश के लिए गेमचेंजर साबित होगा।
















