रेवाडीः गुरूग्राम की तर्ज पर अब दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की तरफ से विद्युत नियामक आयोग की सिफारिश के बाद लागू एसीडी (एडवांस कंजप्शन डिपाॅजिट) के नाम पर बिजली निगम अकेले रेवाड़ी शहर के उपभोक्ताओं से 4 करोड़ 55 लाख रुपए की वसूलेगा। फिलहाल यह राशि शहर के उपभोक्ताओं के बिलों में ही जोड़ी गई है।
मई माह में जिनके पास बिल जाएंगे उन उपभोक्ताओं की अभी गणना चल रही है। इसके पश्चात बावल, धारूहेड़ा सहित कोसली के शहरी उपभोक्ताओं के बिलों में भी यह राशि जोड़ी जाएगी। ऐसे में निगम का यह बोझ उपभोक्ताओं के लिए आने वाले दिनों में और भी अधिक परेशानी बढ़ाएगा।
दक्षिण हरियाणा एवं उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम की तरफ से इस अप्रैल में भेजे जाने वाले दो माह के बिलों में यह राशि जोड़कर भेजने का निर्णय लिया है, फिलहाल यह राशि उन्हीं सब डिवीजनों के डोमेस्टिक और नॉन डोमेस्टिक श्रेणी के उपभोक्ताओं पर जोड़ी जा रही है जिनके यहां निगम का आर-एपीडीआरपी (रिस्ट्रक्चर्ड- एक्सलरेटिड पावर डिवेलपमेंट एंड रिफॉर्म प्रोग्राम) के तहत बिलिंग का काम ऑनलाइन किया जा चुका है।
फिलहाल रेवाड़ी के दोनों सब डिवीजनों में यह काम पूरा हो चुका है और बावल-धारूहेड़ा व कोसली में अभी अंतिम चरण में है। इस नए सिस्टम के तहत निगम की तरफ से उपभोक्ताओं की तरफ से साल भर में जितनी भी बिजली की खपत की गई है उसका औसत आधार निकालकर उससे दो माह का अग्रिम बिल वसूल करेगा।
निगम ने यह फैसला हरियाणा विद्युत नियामक आयोग के निर्देश पर लिया है। अधिकारियों का कहना है कि रेगुलेटरी कमीशन ने कंपनियों को निर्देश दिया है कि वह डिफाल्टर उपभोक्ताओं की बढ़ती संख्या के मद्देनजर सभी से दो माह का अग्रिम बिल वसूल करते हुए उसे सिक्योरिटी राशि के रूप में जमा रखे। यह राशि रिफंडेबल होने के साथ ब्याज देय होगी।
5638 उपभोक्ताओं के 2 करोड़ होंगे एडजस्ट
निगम ने तर्क दिया है कि इस योजना के तहत न केवल उपभोक्ताओं से अग्रिम खपत जमानत राशि वसूल की जा रही है अपितु जिनके अधिक पैसे निगम के पास उन्हें वापस लौटाने के तहत उनके बिलों में एडजस्ट भी किया जाएगा। जिन उपभोक्ताओं की यह राशि उनकी खपत के अनुसार एडजस्ट होगी उनकी संख्या 5638 है और उनका लगभग 2 करोड़ रुपए निगम के पास अधिक है।
पूरे जिले में 76 हजार से अधिक उपभोक्ता
निगम के पास जिले के शहरी क्षेत्र में ही 76 हजार के लगभग उपभोक्ता जबकि पूरे जिले यह संख्या 3 लाख 2 हजार के करीब है। ऐसे में फिलहाल शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं से यह राशि ली जा रही है। हालांकि निगम अधिकारियों ने कहा है कि यह राशि इतनी अधिक नहीं है और दो बिलों में यह वसूल की जाएगी। अन्य शहरी क्षेत्रों में इसे बाद में लिया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है।
उपभोक्ताओं को राहत भी दे रहे: एसई
नियामक आयोग के निर्देश बाद ही निगम की तरफ से यह व्यवस्था लागू की गई है। इसमें ऐसा नहीं है कि हम उपभोक्ताओं से दो माह का बिल वसूल रहे हैं। यह राशि उनकी सिक्योरिटी के तौर पर जमा रहेगी जो कि पूरी तरह से रिफंडेबल होने के साथ ब्याज के साथ मिलेगी। साथ ही हम रेवाड़ी शहर के 5638 उपभोक्ता की जो डिपाॅजिट लगभग 2 करोड़ रुपए की राशि अधिक है, उसे एडजस्टमेंट के रूप में वापस भी करेंगे।
-पीके चौहान, अधीक्षक अभियंता।