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Haryana सरकार का नया आदेश, गवाही देने के लिए कर्मचारियों के लिए अब ये हुआ जरूरी

हरियाणा सरकार ने हाल ही में एक नया आदेश जारी किया है, जिसके तहत सरकारी कर्मचारी या अधिकारी बिना सरकार की अनुमति के अदालत में गवाही देने नहीं जा सकेंगे। यदि कोई कर्मचारी बिना अनुमति के अदालत पहुंचता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Haryana सरकार ने हाल ही में सरकारी कर्मचारियों के लिए एक नया आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि यदि कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी बिना सरकार की अनुमति के कोर्ट में गवाही देने जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह आदेश सरकारी कार्यालयों में हलचल मचा देने वाला है, क्योंकि अब तक ऐसा कोई सख्त नियम लागू नहीं था। अब से हर सरकारी कर्मचारी को कोर्ट में गवाही देने से पहले सरकार की अनुमति प्राप्त करनी होगी, और बिना अनुमति के गवाही देने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

इस नए आदेश का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों की जिम्मेदारियों को स्पष्ट करना और राज्य के कार्यों में व्यवधान को रोकना है। इस लेख में हम इस नए आदेश के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे और यह भी समझेंगे कि यह कर्मचारियों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है।

नए आदेश का मुख्य उद्देश्य:

हरियाणा सरकार का यह आदेश मुख्य रूप से सरकारी कर्मचारियों के कार्यों को नियंत्रित करने और उन्हें अपनी कार्य जिम्मेदारियों में ज्यादा ध्यान केंद्रित करने के लिए जारी किया गया है। सरकारी अधिकारी या कर्मचारी का अदालत में गवाही देना सरकारी कामकाजी समय में व्यवधान डाल सकता है।

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इससे सरकार के कार्यों में देरी हो सकती है और कर्मचारियों के लिए सरकारी कार्यों के प्रति उनकी प्राथमिकता का निर्धारण करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए, यह आदेश कर्मचारियों को सरकारी मामलों के अलावा निजी मामलों में गवाही देने से रोकने का प्रयास करता है।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही:

इस आदेश के अंतर्गत, अब से सरकारी कर्मचारियों को अदालत में गवाही देने के लिए केवल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही गवाही देने की अनुमति होगी। यह निर्णय खासतौर पर कोविड-19 महामारी के बाद से बढ़े हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के उपयोग को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। यह कदम कोर्ट में उपस्थित होने के लिए कर्मचारियों के शारीरिक रूप से यात्रा करने की आवश्यकता को कम करेगा और साथ ही साथ कर्मचारियों का समय भी बचेगा।

सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का विकल्प एक सुविधाजनक और समय की बचत करने वाला तरीका साबित हो सकता है। यह आदेश न केवल कर्मचारियों के समय की बचत करेगा बल्कि प्रशासनिक कामों में भी तेजी लाने में मदद करेगा।

अनुशासनात्मक कार्रवाई और यात्रा भत्ता (TA) और महंगाई भत्ता (DA):

अगर कोई सरकारी कर्मचारी बिना अनुमति के अदालत में गवाही देने जाता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, ऐसे कर्मचारियों को यात्रा भत्ता (TA) और महंगाई भत्ता (DA) भी नहीं दिया जाएगा, जो शारीरिक रूप से कोर्ट में उपस्थित होने के लिए सरकारी आदेश के बिना वहां गए होंगे। यह कदम सरकार द्वारा कर्मचारियों के अनुशासन और उत्तरदायित्व को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

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सरकार का मानना है कि कर्मचारियों को सरकारी कार्यों के दौरान उनकी प्राथमिक जिम्मेदारियों से कोई भी व्यवधान नहीं आना चाहिए। यदि कोई कर्मचारी बिना अनुमति के कोर्ट में गवाही देने जाता है, तो यह न केवल सरकारी कामकाजी समय का अपव्यय है, बल्कि सरकार के लिए भी एक अतिरिक्त वित्तीय भार उत्पन्न करता है।

कर्मचारियों की चिंता और सवाल:

इस आदेश ने सरकारी कर्मचारियों के बीच कई सवाल उठाए हैं। कर्मचारियों का मानना है कि यह नियम बहुत सख्त है और उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर भी अंकुश लगाता है। कई कर्मचारियों का यह भी कहना है कि वे व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में गवाही देने के लिए जाते हैं, और यह उनके नागरिक अधिकारों का उल्लंघन हो सकता है। इसके अलावा, कुछ कर्मचारियों का यह भी मानना है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही देना कभी-कभी असुविधाजनक हो सकता है, खासकर जब तकनीकी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

हालांकि, सरकार का कहना है कि यह कदम कर्मचारियों के समय की बचत करने और सरकारी कामकाजी माहौल को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह आदेश कर्मचारियों के व्यक्तिगत मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए नहीं है, बल्कि यह सरकारी कार्यों में व्यवधान को कम करने और प्रशासन को बेहतर बनाने के लिए है।

आखिरकार, सरकारी कर्मचारियों के लिए यह नया आदेश एक चुनौती हो सकती है, लेकिन यह उनकी जिम्मेदारियों को और अधिक स्पष्ट करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। कर्मचारियों को अब से गवाही देने से पहले सरकार की अनुमति प्राप्त करनी होगी और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवाही देने का विकल्प मिलेगा।

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यह आदेश न केवल प्रशासनिक कामकाजी माहौल को बेहतर बनाएगा बल्कि सरकारी कर्मचारियों के समय और संसाधनों का भी सही उपयोग सुनिश्चित करेगा।

कुल मिलाकर, यह नया आदेश सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आया है, जिसे उन्हें समझकर और अपनाकर अपने कार्यों में दक्षता बढ़ानी होगी।

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