Delhi Metro फेज-4 में बड़ी उपलब्धि, छतरपुर मंदिर से इग्नू के बीच बना सबसे गहरा अंडरग्राउंड टनल

Delhi Metro रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने फेज-4 के तहत एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। मेट्रो के गोल्डन लाइन कॉरिडोर (तुगलकाबाद से दिल्ली एयरोसिटी) के तहत छतरपुर मंदिर से इग्नू मेट्रो स्टेशन के बीच बनाए जा रहे सबसे गहरे अंडरग्राउंड मेट्रो टनल का निर्माण कार्य मंगलवार को पूरा कर लिया गया। इस मौके पर डिप्टी कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (कमर्शियल) आनंद मोहन बजाज, एडिशनल डिप्टी कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल प्रमोद कुमार, डीएमआरसी के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. विकास कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
टनल बोरिंग मशीन ने दीवार तोड़कर किया सफल ब्रेकथ्रू
मंगलवार सुबह इग्नू मेट्रो स्टेशन पर टनल बोरिंग मशीन (TBM) ने सफलतापूर्वक दीवार को तोड़ते हुए सुरंग निर्माण कार्य पूरा किया। इस दौरान करीब 97 मीटर लंबी टनल बोरिंग मशीन बाहर निकली। डीएमआरसी के प्रिंसिपल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुज दयाल ने बताया कि इस TBM की मदद से 1475 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण छतरपुर मंदिर और इग्नू के बीच किया गया है।
दिल्ली मेट्रो की सबसे गहरी सुरंगों में से एक
इस सुरंग की औसत गहराई 26 मीटर है, लेकिन इसकी न्यूनतम गहराई 15 मीटर और अधिकतम 36 मीटर तक है। यह इसे दिल्ली मेट्रो की सबसे गहरी सुरंगों में से एक बनाता है। इससे पहले, मेट्रो की सबसे गहरी सुरंग हौज खास में बनाई गई थी, जिसकी गहराई लगभग 30 मीटर थी।
अगले महीने दूसरी सुरंग का निर्माण पूरा होगा
गोल्डन लाइन कॉरिडोर के इस सेक्शन में ट्रेन के अप और डाउन मूवमेंट के लिए दो समानांतर सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। पहली सुरंग का काम पूरा हो चुका है और दूसरी सुरंग का निर्माण अगले महीने तक पूरा हो जाएगा।
सुरंग निर्माण में इस्तेमाल हुई अत्याधुनिक तकनीक
इस सुरंग में 1048 रिंग लगाए गए हैं, जिनका आंतरिक व्यास 5.8 मीटर है। इस पूरे टनल का निर्माण अर्थ प्रेशर बैलेंसिंग मेथड (EPBM) तकनीक से किया गया है। इस तकनीक में टनल की खुदाई के साथ-साथ प्री-कास्ट कंक्रीट रिंग्स भी लगाए जाते हैं।
कहां हुआ सुरंग के रिंग्स का निर्माण?
- टनल रिंग्स को दिल्ली के मुंडका में स्थित पूरी तरह स्वचालित कास्टिंग यार्ड में तैयार किया गया।
- कंक्रीट सेगमेंट को तेजी से मजबूत करने के लिए स्टीम क्योरिंग सिस्टम का उपयोग किया गया।
टनल निर्माण के दौरान आई चुनौतियां
4 दिसंबर 2023 से शुरू हुई इस सुरंग की खुदाई के दौरान कई भूवैज्ञानिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
- खुदाई के दौरान खड़ी ढलानों और कठोर चट्टानों का सामना करना पड़ा।
- इस दौरान टनल बोरिंग मशीन के महत्वपूर्ण हिस्से ‘स्क्रू ऑगर’ को नुकसान पहुंचा, जिसे खुदाई के दौरान ही बदला गया।
सुरक्षा के लिए उठाए गए विशेष कदम
- मेट्रो के मौजूदा वायाडक्ट और आसपास की इमारतों को कोई नुकसान न पहुंचे, इसके लिए सभी आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाए गए।
- आसपास की इमारतों में हाई-सेंसिटिविटी उपकरण लगाए गए, ताकि किसी भी प्रकार के कंपन से इमारतों को कोई नुकसान न हो और जमीन धंसने की आशंका को खत्म किया जा सके।
फेज-4 के तहत और कौन-कौन से कार्य प्रगति पर हैं?
दिल्ली मेट्रो के फेज-4 के तहत कई अन्य परियोजनाएं भी चल रही हैं। इसमें गोल्डन लाइन कॉरिडोर (तुगलकाबाद से दिल्ली एयरोसिटी), मजेंटा लाइन का विस्तार (जनकपुरी वेस्ट से आरके आश्रम), और पिंक लाइन का विस्तार (मौजपुर से मजलिस पार्क) शामिल हैं।
डीएमआरसी का बयान
डीएमआरसी अधिकारियों के अनुसार, “हम दिल्ली मेट्रो के फेज-4 को तेजी से पूरा करने में जुटे हुए हैं। छतरपुर मंदिर से इग्नू मेट्रो स्टेशन के बीच बना यह नया सुरंग दिल्ली मेट्रो के लिए एक बड़ी इंजीनियरिंग उपलब्धि है। यह न केवल शहर की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा, बल्कि यात्रियों को भी सुगम यात्रा का अनुभव देगा।”
दिल्ली मेट्रो का यह नया अंडरग्राउंड टनल न केवल दिल्ली मेट्रो नेटवर्क को और मजबूत करेगा बल्कि यात्रियों के सफर को भी सुगम बनाएगा। अत्याधुनिक तकनीक और सुरक्षा उपायों के साथ तैयार की गई यह सुरंग दिल्ली मेट्रो के सबसे गहरे टनल में से एक होगी। इसके साथ ही, दिल्ली मेट्रो के फेज-4 का यह विस्तार राजधानी की परिवहन व्यवस्था को और उन्नत करने में मदद करेगा।