Haryana सरकार का बड़ा फैसला, अब इन बीमारी वाले मरीजों को मिलेगी ₹3000 मासिक पेंशन

Haryana सरकार ने थैलेसीमिया और हीमोफीलिया जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने घोषणा की है कि इन रोगों से ग्रसित मरीजों को ₹3000 प्रति माह पेंशन दी जाएगी। यह वित्तीय सहायता दिव्यांगता श्रेणी के तहत उन मरीजों को दी जाएगी, जिनकी परिवार की वार्षिक आय 3 लाख रुपये तक है।
18 साल से अधिक उम्र के मरीजों को मिलेगा लाभ
राज्य सरकार के इस फैसले के तहत 18 वर्ष से अधिक उम्र के मरीजों को विकलांगता पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। इससे उन मरीजों को वित्तीय सहायता मिलेगी, जो लंबे समय से इस बीमारी से जूझ रहे हैं और जिनकी आय सीमित है।
- इस पेंशन योजना का लाभ उन्हीं मरीजों को मिलेगा, जो हरियाणा के मूल निवासी हैं और कम से कम 3 वर्षों से राज्य में निवास कर रहे हैं।
- मरीजों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे सरकार द्वारा निर्धारित दिव्यांगता मानकों के अंतर्गत आते हैं।
जनवरी में हुआ था फैसला, अब जारी हुई अधिसूचना
इस साल जनवरी में तत्कालीन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया था कि थैलेसीमिया और हीमोफीलिया मरीजों को पेंशन दी जाएगी। लेकिन, इस निर्णय की अधिसूचना अब तक जारी नहीं हुई थी।
अब, सामाजिक न्याय, सशक्तिकरण, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं अंत्योदय (सेवा) विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. जी अनुपमा ने “हरियाणा दिव्यांग पेंशन नियम-2016” में संशोधन करते हुए अधिसूचना जारी कर दी है। इससे अब राज्य के सभी योग्य मरीजों को ₹3000 प्रति माह पेंशन मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
राज्य में 2083 मरीजों को मिलेगा लाभ
हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में कुल 2083 मरीज हैं, जिन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा।
- थैलेसीमिया मरीजों की संख्या – 1300
- हीमोफीलिया मरीजों की संख्या – 783
- कुल लाभार्थी – 2083
- वार्षिक कुल पेंशन बजट – ₹7.5 करोड़
राज्य सरकार के इस फैसले से हर साल 7.5 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मरीजों को दी जाएगी। इससे रोगियों और उनके परिवारों पर आर्थिक बोझ कम होगा और वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
हर साल होगा मरीजों का पुन: सत्यापन
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि हर साल मरीजों की स्वास्थ्य स्थिति की जांच की जाएगी।
- हरियाणा के संबंधित सिविल सर्जन को यह सत्यापित करना होगा कि मरीज अभी भी बीमारी से ग्रसित हैं या नहीं।
- यदि किसी मरीज की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार होता है और वह पेंशन की पात्रता की शर्तों से बाहर आ जाता है, तो उसकी पेंशन बंद की जा सकती है।
मरीजों और परिवारों को राहत
हरियाणा सरकार के इस फैसले से थैलेसीमिया और हीमोफीलिया से पीड़ित हजारों मरीजों को बड़ा सहारा मिलेगा।
✔ रोगियों को वित्तीय सहायता मिलेगी, जिससे उनके इलाज का खर्च आसान होगा।
✔ रोज़गार में असमर्थ मरीजों को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।
✔ परिवारों पर आर्थिक बोझ कम होगा।
✔ स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में मरीजों का बेहतर इलाज संभव होगा।
हरियाणा सरकार का सामाजिक कल्याण की दिशा में बड़ा कदम
राज्य सरकार का यह कदम हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं और सामाजिक कल्याण को मज़बूत करने की दिशा में एक बड़ा फैसला है। सरकार का उद्देश्य है कि गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोग वित्तीय तंगी के कारण इलाज से वंचित न रहें।
आने वाले समय में सरकार इस योजना के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान देगी, ताकि सभी योग्य लाभार्थियों तक यह सहायता सुचारू रूप से पहुंचे।