
Haryana Weather News: हरियाणा में एक बार फिर घने कोहरे की चपेट में आ गया है। शुक्रवार को प्रदेश के कई जिलों में पूरे दिन बादल छाए रहे। शाम होते ही अचानक पूरे राज्य में घना कोहरा छा गया, जिससे दृश्यता बेहद कम हो गई। इस दौरान प्रदेश में दृश्यता 10 से 25 मीटर तक रही। हरियाणा के 13 जिले घने कोहरे से प्रभावित हुए, जिनमें हिसार, भिवानी, रोहतक, झज्जर, फतेहाबाद, सिरसा, चरखी-दादरी, पानीपत, अंबाला, जींद, सोनीपत, कुरुक्षेत्र और रेवाड़ी शामिल हैं।
तापमान में गिरावट की संभावना
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बदलते मौसम के कारण तापमान में गिरावट आ सकती है, हालांकि कड़ाके की ठंड नहीं पड़ेगी। इसके अलावा, जनवरी में अपेक्षाकृत कम बारिश हुई है। अब फरवरी के पहले सप्ताह में दो से तीन पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होंगे। पहला पश्चिमी विक्षोभ शनिवार से सक्रिय होगा, जिससे हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। दूसरा विक्षोभ 3 और 4 फरवरी को आएगा, जिससे पूरे राज्य में भारी बारिश के आसार हैं।
जनवरी में 50% से कम बारिश वाले जिले (मिलीमीटर में)
जिला | बारिश की कमी (मिमी में) |
---|---|
करनाल | 88 |
कैथल | 88 |
जींद | 74 |
पानीपत | 65 |
पंचकूला | 57 |
रोहतक | 57 |
यमुनानगर | 55 |
सोनीपत | 54 |
फतेहाबाद | 53 |
जनवरी में कम बारिश के कारण
कारण-1: ला नीना का कमजोर प्रभाव
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, इस बार ला नीना का सीधा प्रभाव जनवरी में बारिश पर नहीं पड़ा। पश्चिमी विक्षोभ कम सक्रिय रहे, जिससे बारिश और बर्फबारी दोनों में कमी आई। आमतौर पर हरियाणा में शीतकालीन वर्षा सामान्य से 32% कम रही।
कारण-2: पश्चिमी जेट स्ट्रीम का स्थानांतरण
पश्चिमी जेट स्ट्रीम उत्तर की ओर खिसक गई है, जिससे इसकी सक्रियता उत्तर में अधिक रही और पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल जैसे क्षेत्र इसके दक्षिण में आ गए। इस कारण इन क्षेत्रों में अपेक्षाकृत गर्म मौसम बना हुआ है।
वैज्ञानिकों की राय
मौसम विशेषज्ञ महेश पलावत के अनुसार, इस बार ला नीना का प्रभाव अब तक स्पष्ट रूप से नहीं दिखा है। 2008 और 2022 को छोड़कर, बाकी ला नीना वर्षों में भी ज्यादा बारिश नहीं हुई थी। इस साल भी पश्चिमी विक्षोभ अपेक्षाकृत कम सक्रिय रहे, जिससे बर्फबारी में भी गिरावट देखी गई।
कोहरे के कारण फतेहाबाद में हादसा
पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण फतेहाबाद में शुक्रवार को घना कोहरा छाया रहा। सुबह 10:30 बजे तक दृश्यता मात्र 30 मीटर थी। घने कोहरे के कारण सड़क दुर्घटना की भी खबर सामने आई है, जिससे यातायात प्रभावित हुआ।
फरवरी में बारिश से राहत की उम्मीद
मौसम विभाग के अनुसार, फरवरी के पहले सप्ताह में दो बड़े पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होंगे, जिससे हरियाणा सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में अच्छी बारिश होने की संभावना है। 3 और 4 फरवरी को आने वाले विक्षोभ से राज्य में व्यापक रूप से वर्षा होगी, जिससे किसानों को भी राहत मिलेगी।
किसानों के लिए सलाह
कम बारिश और लगातार बदलते मौसम के बीच किसानों को अपनी फसल की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार:
- बारिश को देखते हुए फसलों में सिंचाई का सही प्रबंधन करें।
- ठंड से फसलों को बचाने के लिए आवश्यक उपाय अपनाएं।
- फसलों में नमी बनाए रखने के लिए उचित मात्रा में जैविक खाद का उपयोग करें।
हरियाणा में मौसम का बदलता रुख
हरियाणा में इस बार जनवरी के महीने में अपेक्षित बारिश नहीं हुई, जिससे तापमान सामान्य से अधिक बना रहा। हालांकि, फरवरी के पहले सप्ताह में संभावित बारिश से नमी की भरपाई हो सकती है और तापमान में भी गिरावट देखने को मिल सकती है।
हरियाणा में इस बार सर्दियों में बारिश की कमी के कारण तापमान में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। घने कोहरे ने राज्य के कई हिस्सों को प्रभावित किया है, जिससे दृश्यता कम रही और यातायात भी बाधित हुआ। हालांकि, फरवरी के पहले सप्ताह में आने वाले पश्चिमी विक्षोभ से बारिश की संभावना बनी हुई है, जिससे राज्य के मौसम में बदलाव आ सकता है। किसानों और आम जनता को आगामी बारिश के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता है।