Haryana School Holidays: हरियाणा में सर्दी का कहर बढ़ गया है और राज्य के विभिन्न जिलों में तेज बारिश के साथ ओले भी पड़े हैं, जिससे ठंड और बढ़ गई है। इस बढ़ती ठंड और सर्दी से निपटने के लिए सरकार ने पहले ही स्कूलों की छुट्टियाँ घोषित की थीं, लेकिन अब बढ़ती सर्दी और ठंड को देखते हुए सरकार इन छुट्टियों को और बढ़ाने पर विचार कर रही है।
सर्दी और ओलों का प्रभाव
हिसार, कुरुक्षेत्र, करनाल, रोहतक, और अन्य जिलों में भारी बारिश और ओलावृष्टि ने ठंड की स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। इसके कारण सर्दी ने अपना भीषण रूप धारण कर लिया है और लोग सर्दी की लहर से जूझ रहे हैं। दिन और रात के तापमान में गिरावट जारी है, जिससे स्कूल जाने वाले बच्चों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
1 जनवरी से 15 जनवरी तक की छुट्टियाँ
हरियाणा के शिक्षा विभाग ने पहले ही 1 जनवरी से 15 जनवरी तक स्कूलों की छुट्टियाँ घोषित कर दी थीं, ताकि बच्चों को सर्दी से बचाया जा सके। इस निर्णय का उद्देश्य बच्चों को ठंड से सुरक्षित रखना और उनकी सेहत का ध्यान रखना था। लेकिन अब सर्दी में बढ़ोतरी और ओलावृष्टि के कारण, सरकार इन छुट्टियों को और बढ़ाने पर विचार कर रही है।
स्कूलों की छुट्टियाँ बढ़ने की संभावना
वर्तमान में, शिक्षा विभाग ने पहले यह घोषणा की थी कि स्कूल 16 जनवरी से खुलेंगे, लेकिन बढ़ती ठंड और ठिठुरन को देखते हुए स्कूलों की छुट्टियाँ बढ़ाने या स्कूलों के समय में बदलाव की संभावना जताई जा रही है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस फैसले पर जल्द ही विचार किया जाएगा और स्थिति के अनुसार निर्णय लिया जाएगा।
स्कूलों के समय में बदलाव भी हो सकता है
सूत्रों के मुताबिक, सरकारी और निजी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों की छुट्टियाँ बढ़ाई जा सकती हैं, जबकि कक्षा 9 से 12 तक के स्कूलों का समय बदला जा सकता है। यह भी हो सकता है कि इन कक्षाओं को सुबह के बजाय बाद में समय पर बुलाया जाए, ताकि बच्चे ठंड से सुरक्षित रह सकें।
बोर्ड परीक्षाओं का कार्यक्रम
हिसार, रोहतक, पंचकुला, और अन्य जिलों में सर्दी का प्रभाव बढ़ने के कारण, शिक्षा विभाग ने स्कूलों की छुट्टियों के कार्यक्रम में बदलाव के बारे में सोचना शुरू कर दिया है। इस बदलाव की आवश्यकता इस कारण भी महसूस की जा रही है कि 10वीं और 12वीं कक्षाओं की बोर्ड परीक्षाएँ फरवरी के अंत में शुरू हो रही हैं। 12वीं की परीक्षा 27 फरवरी से और 10वीं की परीक्षा 28 फरवरी से शुरू होगी, जिसके लिए छात्रों को समय से तैयारी करने की आवश्यकता है।
छोटे बच्चों के लिए छुट्टियाँ बढ़ाने की संभावना
सूत्रों के अनुसार, बच्चों के स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए छुट्टियाँ बढ़ाई जा सकती हैं। बच्चों को सुबह-सुबह सर्दी में स्कूल भेजने में कई समस्याएँ आ रही हैं, और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए यह स्थिति सही नहीं है। इसके अलावा, स्कूल जाने के दौरान बच्चों को सर्दी से बचाने के लिए समय में बदलाव की संभावना भी जताई जा रही है।
जिला स्तर पर छुट्टियों का निर्णय
सर्दी की स्थिति को देखते हुए, सरकार यह भी विचार कर रही है कि स्कूलों की छुट्टियाँ जिलों के स्तर पर जिला उपायुक्त द्वारा घोषित की जा सकती हैं। जिला उपायुक्त स्थानीय परिस्थितियों का आकलन करके छुट्टियों के बारे में निर्णय ले सकते हैं। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि जिन जिलों में अधिक ठंड और सर्दी है, वहां बच्चों की छुट्टियाँ बढ़ाई जा सकती हैं और अन्य जिलों में छुट्टियाँ जारी रखी जा सकती हैं।
अभिभावकों का समर्थन
अभिभावक और छात्रों की ओर से इस निर्णय को सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। अभिभावकों का कहना है कि सर्दी के कारण बच्चों को स्कूल भेजना मुश्किल हो रहा है और उनकी सेहत पर इसका प्रतिकूल असर पड़ सकता है। बच्चों को ठंड से बचाने के लिए स्कूलों की छुट्टियाँ बढ़ाना एक सही कदम होगा।
आने वाले दिनों में क्या हो सकता है?
हरियाणा में ठंड बढ़ने के साथ ही स्कूलों के लिए छुट्टियों का मुद्दा भी गर्म हो गया है। सर्दी के कारण बच्चे ठंड से सुरक्षित रहने के लिए छुट्टियों की मांग कर रहे हैं, और सरकार इस पर विचार कर रही है। हालांकि, इस पर जल्द ही कोई आधिकारिक घोषणा की जा सकती है।
शिक्षा विभाग की तैयारियाँ
शिक्षा विभाग ने इस समय को ध्यान में रखते हुए कई कदम उठाए हैं, ताकि बच्चों की पढ़ाई में कोई रुकावट न आए। विभाग ने कहा है कि स्कूलों की छुट्टियाँ बढ़ाने के बावजूद बच्चों की पढ़ाई जारी रहेगी और परीक्षा की तैयारी के लिए कोई व्यवधान नहीं होगा। इसके लिए शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन और अन्य माध्यमों से बच्चों को पढ़ाई जारी रखने के उपायों पर भी विचार किया है।
हरियाणा में बढ़ती ठंड और सर्दी के कारण स्कूलों की छुट्टियाँ बढ़ाने का मुद्दा सामने आ रहा है। सरकार और शिक्षा विभाग इस पर जल्द ही कोई निर्णय ले सकते हैं, ताकि बच्चों की सेहत पर कोई प्रतिकूल असर न पड़े और उनकी पढ़ाई में भी कोई रुकावट न आए।