Haryana Government Employees: हरियाणा में सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों पर सरकार ने मांगी रिपोर्ट

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निर्देश पर हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी ने सभी संबंधित विभागों से रिपोर्ट मांगी
Haryana Government Employees हरियाणा में सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों पर सरकार ने मांगी रिपोर्ट

Haryana Government Employees: हरियाणा राज्य सरकार ने हाल ही में एक बड़ा कदम उठाया है, जिसमें ग्रुप-C और ग्रुप-D के अस्थायी कर्मचारियों को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। सरकार ने उन कर्मचारियों को उनके पदों से हटा दिया है जिनकी सेवा पांच साल से कम थी। यह बदलाव तब आया जब राज्य सरकार ने नई नियमित भर्ती की प्रक्रिया शुरू की और अस्थायी कर्मचारियों की जगह नियमित कर्मचारी नियुक्त किए गए।

पांच साल से कम सेवा वाले कर्मचारियों की छंटनी

जानकारी के अनुसार, हरियाणा में जिन अस्थायी कर्मचारियों ने किसी विभाग में पांच साल से कम सेवा दी थी, उन्हें पद से हटा दिया गया है। ये कर्मचारी विभागों और बोर्ड-निगमों में कार्यरत थे, लेकिन नियमित कर्मचारियों की भर्ती के बाद उन्हें अपनी जगह छोड़नी पड़ी। यह फैसला हरियाणा सरकार की नई नीति के तहत लिया गया, जिसमें कहा गया था कि केवल वे कर्मचारी जिनकी सेवा पांच साल से अधिक है, वे ही स्थायी रूप से कार्यरत रहेंगे।

नियमित कर्मचारियों की भर्ती के बाद की स्थिति

पिछले कुछ समय से हरियाणा में अस्थायी कर्मचारियों की स्थिति को लेकर काफी विवाद था। अस्थायी कर्मचारियों की जगह नियमित कर्मचारियों की भर्ती ने इस विवाद को और बढ़ा दिया। कर्मचारी संगठनों ने इसका विरोध किया है और वे सरकार से मांग कर रहे हैं कि जिन कर्मचारियों ने पांच साल से कम सेवा दी है, उन्हें फिर से काम पर रखा जाए या उनके भविष्य के बारे में कोई ठोस निर्णय लिया जाए।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर रिपोर्ट की मांग

संगठनों के विरोध और कर्मचारियों की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निर्देश पर हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी ने सभी संबंधित विभागों से रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में यह जानकारी देने को कहा गया है कि जिन कर्मचारियों को पद से हटाया गया है, उनका विवरण क्या है और उनके हटने के कारण क्या थे। इस संदर्भ में प्रशासनिक सचिवों, विभागीय प्रमुखों, बोर्ड और निगमों के प्रबंध निदेशकों, मुख्य प्रशासकों, संभागीय आयुक्तों, जिलाधिकारियों (DCs), उपमंडलाधिकारियों (SDMs) और पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार से जानकारी मांगी गई है।

Haryana Government Employees हरियाणा में सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों पर सरकार ने मांगी रिपोर्ट

कर्मचारी संगठनों का विरोध

कर्मचारी संगठनों ने सरकार के इस निर्णय का विरोध किया है। उनका कहना है कि जिन्होंने वर्षों तक कार्य किया है और विभागों में अपनी सेवाएं दी हैं, उन्हें इस तरह से हटाया नहीं जा सकता। इसके अलावा, कर्मचारी संगठनों ने सरकार से मांग की है कि अस्थायी कर्मचारियों के भविष्य को लेकर एक स्पष्ट नीति बनाई जाए। संगठन यह भी कहते हैं कि जिन कर्मचारियों ने पांच साल से कम सेवा दी है, उन्हें किसी अन्य विभाग में पुनः नियुक्त किया जाए ताकि उनका जीवनयापन प्रभावित न हो।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का बयान

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस मामले में कहा कि सरकार कर्मचारियों के अधिकारों का सम्मान करती है और उनकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह फैसला राज्य सरकार की नियमित भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा था और सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कर्मचारियों की भलाई के लिए राज्य सरकार हर संभव कदम उठाएगी और किसी भी कर्मचारी को अनावश्यक परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

क्या है सरकार की योजना?

हरियाणा सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक विधायिका बनाई है कि पांच साल से अधिक सेवा देने वाले कर्मचारियों को उनके रिटायरमेंट तक रोजगार की गारंटी दी जाए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि कर्मचारियों को उनकी सेवा के लिए उचित सम्मान मिलेगा और उन्हें आगे कोई समस्याएं नहीं होंगी। इसके साथ ही, राज्य सरकार ने अस्थायी कर्मचारियों के पुनः नियुक्ति और उनके भविष्य के लिए एक नीति बनाने की योजना बनाई है, ताकि कोई भी कर्मचारी अनावश्यक रूप से परेशान न हो।

हरियाणा सरकार ने अस्थायी कर्मचारियों की छंटनी को लेकर बड़ा कदम उठाया है, जिससे राज्य के कर्मचारी संगठनों में नाराजगी फैल गई है। सरकार ने कर्मचारियों के अधिकारों को लेकर एक नई नीति बनाई है और इसे लागू करने की प्रक्रिया जारी है। अब यह देखना होगा कि राज्य सरकार इन कर्मचारियों के भविष्य को लेकर क्या कदम उठाती है और कर्मचारियों के हक में किस तरह के सुधार किए जाते हैं।