Jain Muni Vigyan Sagar: जैन मुनि विज्ञान सागर महाराज ने कहा कि जीवन में सुख चाहते हो तो कर्म अच्छे करो। अच्छे कर्म करने वाला जीवन मे कभी दुखी नहीं होता। स्वार्थ को त्याग कर्म करें यही जीवन को असली कर्म है। Jain Muni Vigyan Sagar
यहां के रेवाड़ी दिगंबर जैन भगवान आदिनाथ मंदिर में जैन मुनि विज्ञान सागर महाराज का स्वागत किया। वे नारनौल में चातुर्माश करने के बाद पैदल विहार करते हुए विशेष आग्रह पर रेवाड़ी रूके।
जैन मुनि सेवा संघ समिति के प्रधान सतीश जैन ने कहा कि जैन मुनि विज्ञान सागर महाराज के रेवाड़ी आगमन से समाज के लोगों में काफी उत्साह है। उन्होंने बताया कि वे आज यानि सोमवार को राजस्थान के तिजारा के लिए प्रस्थान करेंगे Jain Muni Vigyan Sagar
यहां सुबह श्रावकों का मार्गदर्शन करते हुए उन्होंने गुरु-शिष्य की परम्परा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गुरु अपने शिष्यों को सदमार्ग पर ले जाता है, वहीं शिष्यों को भी अपने गुरुजनों का मान सम्मान करना चाहिए।Jain Muni Vigyan Sagar
उन्होंने कहा कि गृहस्थ जीवन में रहते हुए जैन श्रावक के तीन नियमों श्रद्धावान, विवेकवान व क्रियावान को अपनाना चाहिए। इन नियमों के पालन से जीवन में शांति व स्मृद्धि आती है। कार्य में सक्षमता रहे और साधना में निरंतरता रहे, चित्त में समाधि रहे यही सच्ची साधना है।Jain Muni Vigyan Sagar
ये रहे मौजूद: इस मौके पर समाज के देवेन्द्र कुमार जैन, महेन्द्र जैन, राजेन्द्र जैन, राजीव जैन आदि ने उनका स्वागत किया।Jain Muni Vigyan Sagar