IJSO: हरियाणा के अटेली की बेटी भव्य गुंवाल ने विदेश में रचा इतिहास, रेवाड़ी महेंद्रगढ के लिए बनी रोल मॉडल

IJSO: हरियाणा की बेटिया किसी भी फिल्ड में कम नही है। एक बार फिर हरियाणा के नारनौल के मंडी अटेली की बेटी भव्य गुंवाल सराहनीय प्रदर्शन करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इतिहास रच दिया। भव्य गुंवाल रोमानिया में आयोजित इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलंपियाड (IJSO) में भव्य ने स्वर्ण पदक जीतकर देश और हरियाणा का नाम रोशन किया है।IJSO

 

मेहनत और प्रतिभा से रचा  इतिहास: हरियाणा की बेटी भव्य गुंवाल ने विज्ञान और गणित में सराहनीय प्रदर्श्न करते हुए कड़ी मेहनत के चलते इतिहास रचा है। शिक्षक डॉ. अनिल ने बताया कि भव्य ने बचपन से ही विज्ञान में गहरी रुचि दिखायी, उसकी इस विषय को लेकर लगन और समर्पण ने आज नया इतिहास रचा है।IJSO

 

IJSO: हरियाणा के अटेली की बेटी भव्य गुंवाल ने विदेश में रचा इतिहास, रेवाड़ी महेंद्रगढ के लिए बनी रोल मॉडल
IJSO: हरियाणा के अटेली की बेटी भव्य गुंवाल ने विदेश में रचा इतिहास, रेवाड़ी महेंद्रगढ के लिए बनी रोल मॉडल

52 देशों के छात्र हुए थे प्रतियोगिता में शामिल: बता दे इस प्रतियोगिता में 52 देशों के छात्र हुए थे। IJSO एक अंतरराष्ट्रीय मंच है, जिसमें छात्रों को विज्ञान, गणित और प्रौद्योगिकी में अपनी प्रतिभा निखारने का मौका मिलता है। इस साल ये टेंलेंट प्रतियोगिता रोमानिया में आयोजित की गई थी। एक नहीं भारत से छह छात्रों की टीम ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया और चीन को हराकर स्वर्ण पदक जीत कर नया इतिहास रचा है।

बता ये यह पहली बार है जब भारतीय टीम ने IJSO में चीन को हराकर स्वर्ण पदक जीता है। यह न केवल भारतीय टीम की मेहनत का परिणाम है, हिंदुस्तान की शिक्षा, मेहतन, बच्चो की लगन और विज्ञान क्षेत्र की तेजी से बढ़ती क्षमता का ही परिणाम है।

भव्य की मां, डॉ. सुमन, ने इस जीत को पूरे देश के लिए प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा कि यह जीत केवल उनके परिवार के लिए ही नहीं बल्कि उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो बड़े सपने देखते हैं। भव्य ने यह साबित कर दिया कि अगर मेहनत और लगन हो तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

भारतीय टीम की ऐतिहासिक जीत: गौरतलब है कि ये प्रतियोगिता में भारत की एक इतिहासिक जीत है। अपनी बेहतरीन तैयारी और कड़ी मेहनत बलबूते पर ही भारत की बेटी ने चीन जैसी ताकतवर टीम को हराकर स्वर्ण पदक जीता। पूरे देश की बेटी की इस मेहनत को सलाम किया जा रहा हैंIJSO

भव्य और उनकी टीम ने यह दिखा दिया कि भारतीय छात्र किसी से कम नहीं हैं। यह जीत न केवल उनकी मेहनत का परिणाम है, बल्कि उनके शिक्षकों और परिवार के सहयोग का भी नतीजा है।IJSO

गांव में खुशियां, बजे ढोल: भव्य की जीत में हरियााणा के गांव मंडी अटेली में ऐतिहासिक जीत के बाद जश्न का माहौल है। ग्रामीणों ने फूल-मालाओं और ढोल-नगाड़ों के साथ भव्य का स्वागत किया। भव्य के पिता ने कहा कि उनकी बेटी ने न केवल परिवार का बल्कि हिंदुस्तान का नाम रोशन करके देश को गोरव हासिल किया है।IJSO

इतना नहीं अध्यापको ने इस इलाकें के लिए भव्य एक रोल मॉडल बन गई हैं। उनकी इस उपलब्धि ने गांव के अन्य बच्चों को भी बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने की नई दिशा दी है।IJSO

जानिए क्या है IJSO: IJSO इंंनटरनेशनल मंच है। इस मंच के माध्यम से प्रतियोगिता विज्ञान, गणित और प्रौद्योगिकी में रुचि रखने वाले युवाओं को अपनी प्रतिभा निखाने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने का मौका मिलता है।