Wheat Variety: गेहूं की ये किस्म किसानों को कर देगी मालामाल, जानिए क्या है इसके फायदे
Agriculture News : किसान की एक चाहत होती है कम से कम लागत मे ज्यादा से ज्यादा फसल हो सके। हरियाणा में अब गेहूं की बुवाई का समय चल रहा है। इसी के चलते किसानों के फायदे के लिए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार की ओर से किसानों के लिए गेहूं की खेती (Wheat Cultivation) के लिए बुवाई के कुछ टिप्स शेयर किए है। अगर किसान इस टिप्स को अपनाएं उसकी पैदावार ज्यादा होगी। Agriculture News
कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि गेहूं की बुवाई नवंबर के तीसरे सप्ताह तक कर सकते हैं यानी किसान नवंबर में 25 नवंबर तक गेहूं की बुवाई कर लेनी चाहिए।Agriculture News
बता दे बुवाई का अब सही समय है। किसान गेहूं की बुवाई के लिए प्रति एकड़ 40 किलोग्राम बीज का प्रयोग कर सकते हैं। गेहूं की बुवाई उर्वरक ड्रिल मशीन (Fertilizer Drill Machine) से करने की सलाह दी है। बुवाई के दौरान बीज की गहराई करीब 5 सेंटीमीटर और कतार से कतार की दूरी कम से कम 20 सेंटीमीटर होनी चाहिए।
बुवाई से पहले बीजों को कैसे करें उपचारित
कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि गेहूं की फसल को भूमि जनित रोगों से बचाने के लिए उपचारित करना जरूरी है। ऐसे गेहूं में दीमक से बचाव के लिए 60 मिली क्लोरपाईरीफास 20 ईसी या 200 मिली ईथियोन 50 ईसी (फासमाइट 50 प्रतिशत) 60 मिली के पानी में मिलाकर 2 लीटर घोल बनाकर 40 किलोग्राम बीज को उपचारित करना चाहिए।
कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि ज्यादा उत्पादन के लिए गेहूं की फसल को मोल्या रोग से बचाने के लिए सूत्र कृमि ग्रस्त खेत में चना, मेथी, सरसों, सब्जी वाली फसलें आदि को फसल चक्र लगाना चाहिए।Agriculture News उपचार के लिए 200 मिली एजोटोबैक्टर व 200 मिली फॉस्फोरस टीका प्रति 40 किलोग्राम बीज के लिए उपयोग में लाए जो काफी फायदे मंद रहेगा।
वैसे तो किसान अपने क्षेत्र के अनुसार कृषि विभाग पूछताछ करके लिए बीजों का चयन करना चाहिएं हर जगह की मिट्टी व पानी के अनुसार ही बीज का चयन करना चाहिए। Agriculture News
कृषि वैज्ञानिको ने गेंहू की कुछ खास वैरायटी बताई है। जिनमें डीबीडब्ल्यूएच 221, एचडी 3086, डब्ल्यूएच 1105, डब्ल्यूएच 1184, डीबीडब्ल्यू 222, पीबीडब्ल्यू 826 और एचडी 3386 आदि किस्में शामिल है।