धारूहेडा: सुनील चौहान। नौ माह पहले निदर्लीय चेयरमैन का चुनाव जीतने वाले कंवर सिंह मंगलवार को राव इंद्रजीत के खेमें में शामिल हो गए है । इतना ही नहीं उन्होने यह स्वीकार किया है कि 40 साल कांग्रेस की सेवा की, लेकिन अब मरते दम तक राव इंद्रजीत के साथ मिलकर राजनीति करेंगें। चेयरमैन कंवर सिंह ने एडवासं में राव इंद्रजीत को शपथ समारोह में शामिल होने के लिए भी न्यौता भी दिया है। 15 सितंबर को कंवर की वैध सर्टीफिकेट का विस्तृत आर्डर आए जाएंगा। इसी के चलते पूरे धारूहेडा की 15 सितंबर पर निगांहे टीकी हुुई है। किसी ने ठीक ही कहा है खेल और राजनीति वे ही सफल होते है जो समय देखकर चाल चलते है। कंवर सिंह को भाजपा के साथ साथ राम खेमे का दामन थामना धारूहेडा के विकास में सहयोगी रहेगा।
गौरतलब है कि 27 दिसंबर 2020 को धारूहेड़ा नगर पालिका चेयरमैन के लिए मतदान हुआ था। चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार कंवर सिंह ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद कंवर सिंह हरको बैंक के चेयरमैन अरविंद यादव के साथ सीधे सीएम मनोहर लाल से मिलने चंड़ीगढ़ पहुंचे थे। कंवर सिंह के इस कदम से रामपुरा हाउस में नाराजगी थी। चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे संदीप बोहरा ने कंवर सिंह के 10वीं के सर्टिफिकेट बता चुनाव आयोग में शिकायत कर दी थी। डीसी यशेंद्र सिंह के आदेश पर तत्कालीन कोसली के एसडीएम ने जांच में सर्टिफिकेट को अवैध माना था। बाद में चुनाव आयोग ने 15 मार्च को कंवर सिंह को शपथ लेने से पहले ही आयोग्य करार दे दिया था।
10 सितंबर को बदला खेल:
चुनाव आयोग ने अगस्त में धारूहेड़ा नगर पालिका चेयरमैन उपचुनाव को लेकर अधिसूचना जारी कर दी थी। 27 अगस्त से नामांकन प्रक्रिया शुरू होने से लेकर 10 सितंबर प्रचार के आखिरी दिन तक चुनाव मैदान में उतरे तमाम प्रत्याशियों ने खूब पसीना भी बहाया, लेकिन प्रचार खत्म होने से कुछ घंटे पहले पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने उप चुनाव रद्द करने की आदेश मिल गया था। ऐसे मे रातभर लोग चुनाव को लेकर भ्रमित रहे। धारूहेडा की जनता को विश्वास नहीं हो रहा था कि चुनाव नहीं होगेंं लेकिन जब 10 सितंबर को शाम को चुनाव अयोग की ओर से वेवसाईड नोटिफिकेशन जारी किया तो लोगो ने राहत की सांस ली।
राव साहब के साथ कंवर सिंह फोटो खूब हुई वायरल: जैसे ही सोशल मीडिया पर राव साहब के साथ कंवर की फोटो वायरल हुई तो दिनभर धारूहेडा मे चर्चा बनी रही। हर आदमी की जुबान यही पर यही था कि पहले अगर राव साहब के पास चले जाते तो ये मार्कशीट का खेल ही नही होता।