Chhat puja: खरना आज, छठ पर्व को लेकर जगह जगह सजने लगे घाट
रेवाड़ी: सुनील चौहान। पूर्वांचल राज्यों में प्रमुखता से मनाए जाने वाले छठ पर्व का सोमवार को आगाज हो गया। चार दिन तक चलने वाले इस महोत्सव के पहले दिन नहाय खाय के साथ व्रतियों ने पूजा की तैयारियां आरंभ कर दी है। रेवाड़ी, धारूहेड़ा, भिवाड़ी आदि स्थानों पर माहौल छठ मय होने लगा है। कृत्रिम घाट निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। साज सज्जा के साथ इनमें पानी भरने की प्रक्रिया चल रही है।
बाजार में बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के नागरिकों की मांग के अनुसार पूजा सामग्री, खानपान और अन्य सामान बिक रहे हैं। धारूहेड़ा और भिवाड़ी के बाजारों में ज्यादा रौनक है। छठ पर्व को लेकर दूसरे राज्यों के नागरिकों के साथ स्थानीय भी उत्साहित दिख रहे हैं। बाजारों में चहल-पहल बढ़ गई है। बिहार और दिल्ली से आई पूजा सामग्री दुकानों पर सजी हुई है। दुकानों पर छठ के गीत बजने लगे हैं। इससे माहौल भक्तिमय हो रहा है। शहर के सेक्टर एक स्थित सोलाराही तालाब में पूर्वांचल सेवा समिति की ओर से तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यहां एक साथ सौ श्रद्धालुओं को पूजा करने का प्रबंध है।
पूर्वांचल छठ पूजा समिति की अंतिम चरण में तैयारियां: कोनसीवास रोड स्थित श्री श्याम वाटिका के समीप पूर्वांचल छठ पूजा समिति की ओर से सामूहिक रूप से छठ पूजा का आयोजन किया जा रहा है। इसको लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हैं।
समिति प्रधान राजीव यादव ने बताया कि सोमवार को नहाय खाय के साथ छठ पूजा आरंभ हो गया। व्रत करने वाले व्रत करनेवालों ने स्नान करने के बाद सात्विक भोजन का सेवन किया। इस दिन व्रत करने वाला व्यक्ति लौकी की सब्जी और चने की दाल का सेवन करता है।
आज से व्रत आरंभ: मंगलवार को छठ पूजा का दूसरा दिन खरना के रूप में मनाया जाता है। शाम के समय साठी के चावल और गुड़ की खीर बनाकर प्रसाद तैयार करते हैं। फिर सूर्य भगवान की पूजा करने के बाद व्रत करने वाले रात को प्रसाद ग्रहण करते हैं। इस दौरान यदि प्रसाद में कंकर या व्यवधान आता है तो सेवन बंद कर देते हैं।
कल होगा अस्त होते सूर्य को अर्घ्य: दस नवंबर को छठ पूजा के तीसरे दिन व्रती छठ मईया की पूजा करेंगे। इस दौरान अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देकर अगले दिन जल्दी उगने और कृपा करने की प्रार्थना करेंगे हैं। अस्त होते सूर्य को केला, गन्ना, नारियल और अन्य फल भेंट किया जाएगा।
उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ होगा समापन: व्रती उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर 11 नवंबर को छठ पूजा का समापन करेंगे। मान्यता है कि ऐसा व्रत करने से छठ मैया और सूर्यदेव की कृपा बनी रहती है। परिवार पर किसी तरह की कोई विपत्ति नहीं आती। इस व्रत से संतान सुख की कामना भी की जाती है।
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स्थानीय समाजसेवियों को दिया निमंत्रण
संवाद सहयोगी, धारूहेडा: औद्योगिक क्षेत्र में 11 स्थानों पर कृत्रिम घाट बनाए गए हैं। पूर्वांचल सेवा समिति की ओर सोमवार को धारूहेडा में स्थानीय समाजसेवियों को निमंत्रण दिया गया। प्रवक्ता दीपक तिवाड़ी ने बताया कि दस नवंबर को अस्त होते सूर्य तथा 11 नवंबर को उदय काल के सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद छठ पर्व का समापन होगा। नंदरामपुर बास रोड पर कालोनी आजाद नगर, शिव नगर, आदर्श नगर, संतोष कालोनी, मालुपरा, सेक्टर छह, सेक्टर चार, लोहारों की ढाणी, कापड़ीवास, कर्ण कुंज में कृत्रिम घाट बनाए गए हैं। इस मौके पर आशुतोष झा, विनोद कुमार, रामकुमार, संतोष कुमार, संतोष झा, सुदेश झा, श्रवण सिंह, पीसी गुप्ता, संतोष साहनी, हरिनारायण चौधरी आदि उपस्थित थे।
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भिवाड़ी की बाजारों में छाई रौनक
संवाद सहयोगी, भिवाड़ी: दूसरे राज्यों के नागरिकों में अपने गांव-कस्बे की माटी की सुगंध आ रही है। बिहार, उत्तर प्रदेश ही नहीं स्थानीय व्यापारी भी छठ सामग्री बेच रहे हैं और खुद को भोजपुरी होने का अहसास करवा रहे हैं। बाजार में खरीद करने वालों की भीड़ दिखाई दे रही है। छठ पूजा को लेकर समतल चौक, फूलबाग, हरचंदपुर सहित दर्जन भर स्थानों पर पूजा सामग्री की दुकानें सज गई हैं। पूजा सामग्री विक्रेता बुद्धदेव ने बताया कि पिछले साल की तुलना में नारियल, टोकरी, अनानास और अन्य वस्तुओं के दाम बढ़ गए हैं। पूजा सामग्री खरीदने आये मनोज कुमार गुप्ता, रामप्रकाश सहित अन्य लोगों ने बताया कि इस साल महंगाई का असर पूजा सामग्री पर भी पड़ा है।
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वस्तु (प्रति नग) कीमत
सूप 100 रुपये
नारियल 50 रुपये
टोकरा 200 रुपये (बड़ा), 150 रुपये छोटा
गलगल 50 रुपये
अनानास 50 रुपये