हरियाणा में 14 जिलों में पटाखों की बिक्री , उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध : चेयरमैन

आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चेयरमैन एवं डीसी यशेन्द्र सिंह ने दिए निर्देश हरियाणा: सुनील चौहान। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के चेयरमैन एवं डीसी यशेन्द्र सिंह ने रेवाड़ी जिला में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री या उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के आदेश पारित किए हैं। उन्होंने पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल को लेकर हरियाणा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के दिशा निर्देशों की अनुपालना जिला में प्रभावी रूप करने की बात कही। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चेयरमैन यशेन्द्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि दीपावली, गुरुपर्व और कार्तिक पूर्णिमा, क्रिसमस और नए साल पर अकसर लोग आतिशबाजी करते हैं। ऐसे में कोविड-19 के बीच आतिशबाजी के वायु प्रदूषण से सर्दी के मौसम में बुजुर्ग, बच्चों व सह-रूग्णता वाले लोगों को सांस की समस्या हो सकती है। इसके साथ-साथ यह कोविड-19 के मरीजों के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डाल सकता है। डीसी ने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने यह दिशा निर्देश एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न निर्देशों के अनुपालन में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 24 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए हैं। इन जिलों मेें लगाया प्रतिबंध: डीसी ने बताया कि एनसीआर के तहत रेवाड़ी जिला सहित झज्जर, भिवानी, रोहतक, सोनीपत, चरखी दादरी, फरीदाबाद, गुरुग्राम, जींद, करनाल, महेंद्रगढ़, नूंह, पलवल व पानीपत में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री या उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने कहा कि उपरोक्त निर्देश राज्य के उन सभी शहरों/कस्बों पर भी लागू होंगे जहां पिछले साल नवंबर के दौरान वायु गुणवत्ता का औसत खराब और उससे ऊपर की श्रेणी का था। उन्होंने बताया कि हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शहरों में अल्पकालिक निगरानी करेगा। प्रदूषण बोर्ड पटाखों को फोडऩे के संबंध में सीपीसीबी द्वारा प्रस्तावित वायु गुणवत्ता मानदंड मूल्यों (एएक्यूसीवीएस) के खिलाफ नियामक मानकों के अलावा, एल्युमीनियम, बेरियम, आयरन की अल्पकालिक निगरानी करेगा। उन्होंने कहा कि निर्देशों को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए संयुक्त निरीक्षण दल गठित किए जा रहे हैं और सरकार द्वारा समय-समय पर जारी कानून/नियमों/निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ व्यापक जांच और कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह का उल्लंघन आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत दंडनीय होगा।उन्होंने कहा कि यह दिशा निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।