हरियाणा में दोबारा शुरू होगा जेबीटी कोर्स: हाईकोर्ट ने मनोहर सरकार को लगाई फटकार, अब 1 अक्टूबर से आनलाईन होंगें दाखिले

हरियाणा: सुनील चौहान। प्रदेश में एक बार फिर से JBT कोर्स शुरू होने जा रहा है। हाईकोर्ट की फटकार के बाद मनोहर सरकार ने कोर्स फिरसे शुरू करने का फैसला लिया गया। 1 अक्टूबर से दाखिले के लिए आवेदन शुरू हो जाएंगे। प्रदेश के सेल्फ फाइनेंस प्राइवेट संस्थानों में भी डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डीईएलएड) कोर्स में दाखिले की प्रक्रिया जल्द शुरू हो जाएगी। इस संबंध में हरियाणा सरकार की ओर से मंगलवार को पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में जानकारी दी गई। हरियाणा के एडिशनल एडवोकेट जनरल ने प्रदेश के प्राथमिक शिक्षा विभाग की ओर से राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को प्रवेश प्रक्रिया की समय-सारणी के साथ भेजा गया एक पत्र रिकॉर्ड के तौर पर पेश किया। इस पत्र के अनुसार प्रवेश प्रक्रिया 1 अक्टूबर से शुरू होगी। एसोसिएशन ऑफ एनसीटीई स्वीकृत कॉलेज ट्रस्ट ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें डीईएलएड पाठ्यक्रम के लिए प्रवेश के लिए प्रक्रिया तुरंत शुरू करने के लिए हरियाणा सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी। आसपास के प्रदेशों ने निकाले आवेदन डीईएलएड प्राथमिक टीचर का कोर्स है। इसे जूनियर बेसिक ट्रेनिंग (जेबीटी) शिक्षक पाठ्यक्रम के रूप में भी जाना जाता है। याचिकाकर्ताओं के अनुसार, एनसीटीई अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के अनुसार, राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद ने नियम बनाए हैं। जिन्हें शिक्षक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय परिषद के रूप में जाना जाता है। हाईकोर्ट को बताया गया कि कि डीईएलएड पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए, उनके द्वारा पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के आसपास के राज्यों में जुलाई/अगस्त 2021 प्रवेश के लिए सार्वजनिक नोटिस जारी किए गए, जिसके बाद इन राज्यों ने दाखिला प्रक्रिया शुरू कर दी। लेकिन हरियाणा सरकार ने प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं की है। इसलिए दिए हाईकोर्ट ने आदेश… याचिकाकर्ताओं ने 29 जुलाई और 7 सितंबर को निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद हरियाणा और राज्य के शिक्षा मंत्री को डीईएलएड पाठ्यक्रम की प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने के लिए मांग पत्र भेजा था। याची पक्ष की तरफ से दलील दी गई कि राज्य सरकार द्वारा डीईएलएड पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं करना एनसीटीई अधिनियम 1993 और उसके तहत बनाए गए नियमों का उल्लंघन है। इसलिए हाईकोर्ट इस मामले में सरकार को निर्देश जारी करे। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश जारी किए।