सेक्टर चार रेवाडी: महज छह माह में ही उखडने लगी आरसीसी रोड , नपा अधिकारी मौन

रेवाडी: सुनील चौहान। सरकार बदलने से भ्रष्टाचार ख्त्म नहीं हो सकता है। जब अधिकारी भी भ्रष्ट तो कैसे सुधार होगा। भ्रष्टाचार का ताजा उदाहरण सरेआम देखने का मिल रहा है। शहर के सेक्टर चार में पहली बार नप की तरफ से बनवाई गई सड़कों की गुणवत्ता ही सवालों के घेरे मे आ गई है। परिषद की तरफ से बनवाई दो आरसीसी रोड महज 6 माह में ही उखड़ गई। गुणवत्ता को लेकर सीएम विंडो से लेकर पीएम कार्यालय तक शिकायत दिए जाने के बाद भी सडक बनाने को लेकर नपा गंभीर नहीं है।

हरियाणा शहरी प्राधिकरण की तरफ से शहर के तीनों सेक्टरों को नगर परिषद को तीन साल पहले हस्तांतरित किया जा चुका है। ऐसे में अब नगर परिषद की तरफ से यहां पर सफाई से लेकर विकास के कार्यों की जिम्मेदारी आ गई है। इस प्रक्रिया में लगे समय अवधि की वजह से शहर के सेक्टरों की सड़कों की भी हालत खस्ता हो गई थी। जिसके बाद नगर परिषद की तरफ से पिछले सेक्टर-4 के अलावा तीन में भी कुछ सड़कों का निर्माण कराया गया था।

सेक्टर-4 में भी मकान नंबर 171 से 180 और 2086 से 2104 तक दो सड़कों का निर्माण कराया गया था। इन दोनों सड़कों की लागत 3-3 लाख रुपए बताई गई है। नगर परिषद की तरफ से टेंडर छोड़े जाने के बाद ठेकेदार की तरफ से अगस्त माह में इनका काम शुरू करके पूरा कर दिया गया।

हालांकि सड़क में प्रयुक्त की गई सामग्री और उसकी लेवलिंग को लेकर उसी समय नागरिकों ने ठेकेदार के साथ अधिकारियों को अवगत कराया था लेकिन कुछ एक्शन नहीं हुआ। इसके बाद ठेकेदार की तरफ से इन दोनों सड़कों का निर्माण कार्य पूरा कर दिया गया।

न लेवलिंग और न ही क्वालिटी का रखा ध्यान:
सेक्टर-4 आरडब्ल्यूए के सचिव अनिल कुमार की अगुवाई में नागरिकों ने अधिकारियों को बताया था कि ठेकेदार की तरफ से न तो लेवलिंग की गई है और न ही क्वालिटी का ध्यान रखा। इसके बाद ठेकेदार ने तय मानकों के अनुसार ही सामग्री डाले जाने का आश्वासन दिया।

इस दौरान सड़क की लेवलिंग भी सही तरीके से नहीं की गई। नतीजा यह हुआ कि दिसंबर में ही सड़क की रोड़ियां उखड़ने लग गई। और अब तो स्थिति यह हो गई है कि दो-तीन बार की बारिश के दौरान यहां पानी जमा होने से सड़क की ऊपरी परत पूरी तरह से उखड़ गई।

शिकायत पर दोबारा निर्माण भूले:

सड़क उखड़ने लगी तो आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों ने इसकी सीएम विंडो के साथ उपायुक्त को दी जिसके बाद नप अधिकारी कुछ हरकत में आए। मार्च माह में ठेकेदार ने सड़क का निर्माण दोबारा से करने का आश्वासन पदाधिकारियों को मौके पर पहुंचकर दिया था।

इस पर आरडब्लयूए संतुष्ट हो गई थी लेकिन उसके बाद फिर किसी ने इन दोनों सड़कों पर ध्यान ही नहीं दिया है। अब आरडब्लयूए ने पुन: सीएम विंडो के साथ पीएम कार्यालय में शिकायत भेजी तो अधिकारी हरकत में आए हैं लेकिन अभी कार्रवाई महज नोटिस तक ही पहुंची है।

10 साल तक की होती है आरसीसी सड़क की मियाद:

आरसीसी सड़कों की मियाद पीडब्लयूडी की डामर सड़कों से अधिक होती है। पीडब्लयूडी की सड़कों की जिम्मेदारी जहां 5 साल तक होती है वहीं इन सड़कों की जिम्मेदारी 10 साल तक होती है। जबकि यह सड़क महज छह माह में ही टूटने के बाद भी अधिकारियों ने ठेकेदार के खिलाफ अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया है।

नोटिस दे दिया गया है, होगी कार्रवाई :
शिकायत मेरे अभी संज्ञान में आई है जिसके बाद हमने ठेकेदार को नोटिस दे दिया है। यदि उसकी तरफ से सड़क का दोबारा से निर्माण नहीं किया जाता है या मरम्मत नहीं की जाती है तो उसको ब्लैक लिस्ट करके कार्रवाई की जाएगी। – हेमंत कुमार,एक्सईएन,नप