रेवाडी: सुनील चौहान। फिदेडी गावं स्थित निर्माणाधीन फिदेड़ी जेल पर इतना बड़ा विश्वास करना जेल विभाग के लिए काफी महंगा पड़ गया। कोविड के बढ़ते मामलों के बाद पूरे राज्य के लिए फिदेड़ी जेल को कोविड जेल में तब्दील करके सभी जिलों के पॉजीटिव कैदियों को यहां लाया जा रहा है और अभी तक 450 कैदी यहां आ भी चुके हैं।
इन कैदियों की सुरक्षा के साथ उन्हें इतने बड़े स्तर पर उपचार की भी सुविधा होनी चाहिए थे, लेकिन सब कुछ हुए आनन-फानन में कैदियों को यहां से भागने के लिए बड़ा ही आसान रास्ता मिल गया। वहीं अब सबसे बड़ा सवाल यही खड़ा हो गया है कि कैदियों को लोहे की ग्रिल काटने की आरी कहां से मिली?
सुरक्षा भी नाकाफी, बाहर महज पुलिस की गार्द :
जिला मुख्यालय पर बनाई जा रही फिदेड़ी जेल का कार्य लगभग दो साल की देरी से हो रही है। पिछले साल लॉकडाउन की वजह से लंबे समय तक इसका कामकाज बंद रहा था और फिर वहीं स्थिति हो जाने के कारण निर्माण अधूरा है। इस अधूरे निर्माण के बाद भी जेल प्रशासन की तरफ से इस कोविड स्पेशल जेल बनाकर तुरंत प्रभाव से पॉजीटिव कैदियों को यहां भेज दिया गया है।
फिलहाल यहां से सर्वाधिक कैदी नारनौल जेल से ही भेजे जा रहे हैं जबकि अन्य जिलों के भी कैदी है। आधिकारिक बातों पर यकीन करें तो पता चला है कि शनिवार की रात को यहां पर केवल दो ही पुलिस कर्मचारी इन कैदियों की सुरक्षा में तैनात थे।
जिला पुलिस की एक गार्द भी तैनात थी जो कि जेल से बाहर पीसीआर पर गश्त करती रहती है। सुरक्षा में हुई इसी चूक का फायदा उठाते हुए कैदियों ने बड़ी ही आसानी से बैरक की ग्रिल काट दी और फिर चादर की रस्सी बांधकर दीवार कूदकर फरार हो गए। चूंकि अभी निर्माण कार्य चलते से कई ऐसे उपकरण भी जो कि फरार होने वाले के लिए मददगार भी बने।
कब हुई साजिश, कौन देगा जवाब?
जिला जेल से 13 पॉजीटिव कैदियों के भागने के बाद सरकार की तरफ से इस मामले की जांच आईजी जेल को सौंप दी है। आईजी जेल की तरफ से इसी बात की जांच की जाएगी कि कैदियों की तरफ से बैरक काटने में प्रयोग में ली गई आरी कहां से आई है।
चूंकि यह नारनौल से भी उच्च सुरक्षा युक्त जेल है लेकिन अभी पूर्ण नहीं होने से खामियों से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में दो संभावनाएं जताई जा रही है या तो कैदी नारनौल से शिफ्ट होते समय ही अपने साथ यह उपकरण लेकर आए हैं या फिर उन्हें यह उपकरण मुहैया कराया गया है।
अधिकतर कैदी कुख्यात, कर सकते हैं वारदात:
जेल ब्रेक करके फरार हुए कैदियों में अधिकांश कैदी कुख्यात: है जिन पर कई मामले में दर्ज है। अधिकारियों ने बताया कि चूंकि फरार हुए कैदी आसपास के जिलों के ही है और उन पर गंभीर धाराओं के केस दर्ज है। ऐसे में उनके द्वारा वारदात के साथ सबसे बड़ा डर कोविड संक्रमण फैलाने का बना हुआ है। यदि किसी पब्लिक वाहन में भी बैठकर जाएंगे तो उनके संपर्क में आने वाले लोग भी पॉजीटिव हो जाएंगे।
कैदियों की जारी की फोटो हुई वायरल:
जेल प्रशासन की तरफ से फरार हुए कैदियों की फोटो जारी की गई है और आमजन से आह्वान किया है कि वह इनके बारे में कोई जानकारी मिले तो इसकी जानकारी निकटतम पुलिस थाना को दे सकते हैं। साथ ही आसपास के जिलों की भी पुलिस को उनके फोटो और नाम भेजे गए हैं।
जांच के बाद ही पता चलेगा किसकी है लापरवाही
मामले की जांच सरकार द्वारा आईजी जेल को सौंप दी गई है। फिलहाल किस वजह से कैदी भागे और उनके पास उपकरण कहां से यह सब जांच का विषय है। जांच के बाद ही पता चलेगा कि किस स्तर पर लापरवाही हुई है। -बीएस यादव, उप अधीक्षक जेल।