Vigilance Red: इसी जेल अधीक्षक के समय रेवाडी कोविड जेल से भागे से 13 कैदी, दो माह पहले हुए थे बहाल, अब फिर फसें जानिए क्यों

रेवाड़ी: जेल के सुपरिटेंडेंट अनिल जांगड़ा का नाता कई सालों से विवादों से भरा हुआ है। रेवाड़ी पोस्टिंग मिलने के बाद मई माह में यहां बनाई स्पेशल कोविड जेल से 13 कैदियों के फरार होने के बाद उन पर जुलाई माह में गाज गिर गई थी। इसके बाद उन सहित डिप्टी सुपरिटेंडेंट नरेश गोयल को भी सस्पेंड कर दिया गया था। बहाल होते ही फिर रिश्वत को खेला खेल: विभागीय कार्रवाई के बाद उनको 2 माह पहले ही बहाल कर पुन: रेवाड़ी जेल का चार्ज सौंप दिया गया था। रेवाड़ी के बाद नारनौल जेल का भी उनका लगभग डेढ़ माह पहले ही एडीशनल चार्ज दिया गया था। इसी बीच 1 लाख की रिश्वत मामले में उनका नाम आने के बाद न केवल केस दर्ज हो गया है अपितु उनके रिकार्ड में एक और विवाद दर्ज हो गया है। गुड़गांव से शुरू हुआ विवादों का सफर: अनिल जांगड़ा रेवाड़ी से पहले सेंट्रल जेल-1 हिसार में अधीक्षक थे और उस समय रेवाड़ी का जिम्मा सुरेंद्र सिंह दलाल के पास था। एक साल पहले किए गए तबादलों के बाद उनको अनिल जांगड़ा को रेवाड़ी का अधीक्षक लगाया गया था। उनके आने के बाद कोविड काल प्रारंभ हो गया था जिसमें रेवाड़ी में निर्माणाधीन फिदेड़ी जेल को कोविड जेल बनाया गया था। 8 मई को भागे से 13 कैदी: इसी अधीक्षक के समय 8 मई की रात को इस जेल से नारनौल से शिफ्ट किए गए 13 कैदी फरार हो गए थे। डीजी जेल की तरफ से कराई गई जांच में प्रारंभिक तौर पर लापरवाही पाए जाने के बाद जांगड़ा सहित डिप्टी सुपरिटेंडेंट को सस्पेंड कर दिया था। इससे पहले उन पर गुड़गांव में रहने के दौरान एक वसूली में भी जुड़ा था। गुरूग्राम में था इस पर विवाद: इसके अलावा गुड़गांव के अन्य मामलों में भी उनका नाम आया था, जिसमें एक मामले में उनका नार्को टेस्ट तक हुआ था। इसके बाद उन्हें हिसार भेज दिया गया था। अब एक साल पहले ही जारी की गई तबादला सूची में कई जेल अधीक्षकों का भी तबादला किया गया था जिसमें उन्हें हिसार से रेवाड़ी लगाया था। नारनौल जेल में रिश्वत कांड मे शामिल: रेवाडी में कैदियों के भागने के अलावा उनका कोई मामला सामने नहीं आया है लेकिन नारनौल में उजागर हुए इस रिश्वत मामले में उनका नाम अवश्य जुड़ गया है। नारनौल के मामले में उनके खिलाफ केस दर्ज भी हो गया है। इसी सिलसिले में गुड़गांव विजिलेंस उन्हें पूछताछ के लिए पेश नहीं होने पर गिरफ्तार करने के लिए पहुंची थी