धारूहेडा : सुनील चौहान। लोकडाउन में शराब के ठेके भले ही प्रशासन ने बंद करने के आदेश दिए हुए है, लेकिन शराब के ठेको कर दिनभर चोर गेट से शराब धडल्ले से बेची जा रही है। लोकडाउन के चलते रेमडेसिविर इजैक्शन की तरह शराब ठेकेदार की ओर से सही दाम देने पर शराब की होम डिलीवरी तक भी सुविधा दी जा रही हैं। हालाकि शराब बचने की सूचना मिलने पर जब तक पुलिस मौके पर पहुंची है आरोपी वहां से रफू चक्कर हो जाते हैं। ऐेसें में पुलिस शराब बेचने वालों को पकडने में कामयाब नहीं हो रही है। सही मायने में यह है पुलिस केवल खानापूर्ति आपदा प्रबंधन के आरोप में मामला दर्ज कर इतिश्री कर देती है। पुलिस के जाते ही दोबारा से शराब की ब्रिकी शुरू हो जाती है।
हर दिन हो रहे मामले दर्ज: शराब बेचने वाला पुलिस की आने की सूचना मिलते ही मौका पाकर फरार हो जाता है। शराब के ठेके पर ताला लगा होता है। ऐेसें में पुलिस केवल ठेके पर नाम लिखे ठेकेदार के नाम ही मामला दर्ज कर संतोष कर लेती है। लोकडाउन में बाद धारूहेडा में इस तरह के चार मामले दर्ज हो चुके है, लेकिन शराब की ब्रिकी अभी भी जारी है। सबसे अहम बात है प्रशासन की लापरवाही के चलते लोगो को महंगे दामों में शराब लेनी पड रही है। ठेकेदार चांदी कूट रहे है।
ठेके सील क्यों नहीं: पुलिस को जब जब सचूना मिलती है कि शराब के ठेके पर भीड लगी हुई है तो मौके पर जाकर सैल्जमेन को पकडने का प्रयास किया जाता है। वह भाग जाता है तो ऐसे में लोकडाउन की अवहेलना के आरोप में मामला दर्ज कर लिया है। ठेके सील करना पुलिस के अधिकार में नहीं आता हैं।
जगदीश प्रसाद, थाना सेक्टर छह धारूहेडा
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